Ground Report फूंकनी से चूल्हा जलाने वाली महिलाओं से पूछो उज्ज्वला के मायने
गांव विकास में पिछड़ा लेकिन उज्ज्वला के सिलेंडर ने कई घरों में रोशन किया विकास। धुएं की चिंता अब नहीं सताती क्योंकि लकड़ी जलाने की अब जरूरत ही नहीं। सरकार पहले ही दे सब्सिडी।
पानीपत, जेएनएन। फूंकनी से चूल्हा जलाती महिलाएं ही बताती हैं कि ये उज्ज्वला योजना ने कैसे उनकी जिंदगी बदल दी है। हर योजना की तरह ही उज्ज्वला योजना भी अफसरशाही के गलियारों में घूमी है। लाभपात्र तक योजना का लाभ पहुंचने में देरी हो रही हैं लेकिन योजना का लाभ जहां पहुंचा है, वहां जरूर इसका असर दिखाई दे रहा है। क्योंकि चूल्हा-चौका करने वाली महिलाओं की जीवन को इस योजना ने पूरी तरह से बदल दिया है। सुबह लकड़ी जुटाने से शुरू होने वाली दिनचर्या में अब सिलेंडर आ चुका है। इससे उनकी जिंदगी सरल बनी है। उन्हें चिंता नहीं रहती कि चूल्हे की राख मंद पड़ गई तो दोबारा जलाना पड़ेगा।
जपती छपरा में अन्य सुविधाओं से पहले पहुंचा घरेलू गैस सिलेंडर
इंद्री खंड के पिछड़े गांवों में शुमार जपती छपरा सिकलीगर में कदम रखते ही साफ हो जाता है कि यह गांव विकास की रफ्तार में पीछे रह गया है। कच्ची गलियां और कच्चे मकान गांव की स्थिति को बयान करते हैं। अलबत्ता पिछले दो माह में इस गांव में करीब 100 परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत घरेलू गैस सिलेंडर मुहैया करवाए गए हैं। इतने ही परिवारों को और गैस कनेक्शन मुहैया करवाए जाने हैं।
सब्सिडी पर मिले सिलेंडर
इस गांव में ग्रामीणों से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि यह योजना निश्चित तौर पर अच्छी है। लेकिन गांव में अधिकतर ग्रामीण गरीब हैं। वह रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। लिहाजा सिलेंडर खाली होने के बाद दोबारा उसे भरवाने के लिए राशि नहीं होती। यदि सिलेंडर सब्सिडी काट कर दिया जाए तो बेहतर रहेगा। क्योंकि सिलेंडर लेने के बाद सब्सिडी मिलती है।
कागज पूरे नहीं होने से 100 परिवारों को नहीं मिला कनेक्शन
जपति छपरा सिकलीर गांव में करीब 100 परिवार ऐसे हैं, जिनको अभी भी इस योजना का लाभ नहीं मिला है। जाति प्रमाण पत्र नहीं होने की वजह से बहुत से परिवार इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। ब्लाक समिति की सदस्य सुनीता ने बताया कि इस गांव में करीब 100 परिवारों का सिलेंडर मुहैया करवाए गए हैं।
बदल दिया जीवन-बॉबी कौर
महिला बॉबी कौर का कहना है कि कुछ दिन पहले ही इस योजना के तहत घरेलू गैस कनेक्शन मिला। अब तक चूल्हे के धुएं के बीच ही रसोई चलाई है। लेकिन इस योजना ने जीवन बदल दिया है। उनकी नजर में यही सही विकास है।
सब्सिडी काटकर मिले सिलेंडर-नियामत
महिला नियामत कौर का कहना है कि इस योजना से लाभ मिला है। लेकिन सिलेंडर महंगा मिलता है। सब्सिडी की राशि काटने के बाद सिलेंडर मिलना चाहिए। तभीजाकर इस योजना का सही लाभ गरीबों को मिल सकेगा।
गरीब महिलाओं के लिए कारगर योजना-बंती
महिला बंती कौर ने कहा कि इस योजना का लाभ सही तरीके से देने के लिए पूरे गांव का सर्वे होना चाहिए। ताकि हर जरूरतमंद को सही समय पर लाभ मिले। हालांकि यह योजना निश्चित तौर पर महिलाओं के लिए अच्छी है।