महिला सशक्तीकरण! उच्च पदों पर महिला अधिकारी विराजमान
महिला अधिकारी फरियादियों की पीड़ा को बेहतर समझती हैं इस धारणा में विश्वास रखने वालों के लिए अच्छी खबर है। जिले के सभी उच्च पदों पर अब महिला अधिकारी विराजमान दिखेंगी। पानीपत की एसपी बनायी गई मनीषा चौधरी (आइपीएस) के ज्वाइन करते ही कोरम लगभग पूरा हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, पानीपत:
महिला अधिकारी, फरियादियों की पीड़ा को बेहतर समझती हैं, इस धारणा में विश्वास रखने वालों के लिए अच्छी खबर है। जिले के सभी उच्च पदों पर अब महिला अधिकारी विराजमान दिखाई देंगी। पानीपत की नवनियुक्त एसपी मनीषा चौधरी (आइपीएस) के ज्वाइन करते ही कोरम पूरा हो जाएगा।
शहर की मेयर अवनीत कौर हैं। कुर्सी संभालने के बाद से ही वे पूरी तरह सक्रिय हैं। न्यायिक सेवा में देखें तो जिला और सत्र न्यायाधीश मनीषा बतरा बखूबी कार्यभार संभाले हुए हैं। हर माह वे मदर टेरेसा होम, शिवनगर स्थित बाल श्रमिक पुनर्वास केंद्र सहित किसी न किसी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन का निरीक्षण करना नहीं भूलतीं। डीसी हेमा शर्मा (आइएएस) के काम करने का ढंग जनता को खूब भा रहा है। अब वे लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों पर एक्शन भी लेने लगी हैं। एडीसी प्रीति (आइएएस) भी रोजाना सुबह के दो घंटे फरियादियों की शिकायतों को सुनती हैं। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी)अनिता खर्ब हैं। बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन एडवोकेट पदमा रानी हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की डीपीओ सरला यादव हैं।
सिलसिला यहीं नहीं रुकता। जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता हैं। हालांकि, एक्ट में उन्हें यह अधिकार मिला हुआ है। प्राइवेट सेक्टर की बात करें तो आइएमए पानीपत एवं आइएमए हरियाणा लेडी विग प्रधान की कुर्सी पर डॉ. अंजलि बंसल हैं। लिगानुपात में जिला तीसरे पायदान पर
हरियाणा में औसतन 1000 बेटों पर बेटियों की संख्या 923 है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू होने से पहले लिगानुपात 871 था। इसमें 52 अंकों की कमी हुई है। बात पानीपत की करें तो जिला 939 बेटियां प्रति 1000 बेटों के साथ प्रदेश में तीसरे नंबर पर हैं। पानीपत से आगे पंचकूला 963 और अंबाला 959 है।