मां से बात न करने दी तो डीसी दरबार पहुंची पत्नी, सामने आई 'कहानी घर-घर की' Panipat News
कष्ट निवारण समिति में पति और पत्नी के विवाद सुलझाने के दौरान डीसी भी असमंजस में पड़ गईं। डीसी के सामने महिला ने गुहार लगाई तो वहां खड़े पति ने उसकी बात मानने से इन्कार कर दिया।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। कभी विचार न मिलने तो कभी आदतें। कभी हिंसा तो कभी दहेज प्रताड़ना। पति-पत्नी का विवाद अक्सर थाने तक पहुंचा जाता है। कैथल में पति-पत्नी केे बीच का एक अजीबोगरीब विवाद डीसी दरबार पहुंच गया। महिला ने पति की शिकायत की तो डीसी महोदया खुद को हंसने से न रोक पाईं। पति ने जब अपना पक्ष रखा तो डीसी प्रियंका सोनी ने कहा, अरे ये तो घर- घर की कहानी है।
दरअसल जगाधरी के रूप नगर कॉलोनी निवासी मंजू देवी की शादी जनवरी 2008 में कैथल के मूंदड़ी गांव के सिविल अस्पताल में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर संजीव कुमार से हुई थी। पति से विवाद होने पर साल 2018 में मंजू देवी ससुराल में दो बच्चों को छोड़कर मायके चली गई। महिला ने कैथल डीसी को लिखित शिकायत दी। जांच महिला थाना प्रभारी रेखा रानी को सौंपी गई। काउंसिलिंग हुई तो दोनों पक्ष मान गए। मंजू 28 जुलाई 2019 को ससुराल आ गई।
अब लगा दी फोन दिलाने की गुहार
अब मामला लघु सचिवालय में शुक्रवार को हुई कष्ट निवारण समिति की बैठक में पहुंच गया। महिला मंजू ने बताया कि पति मायके में मां से बात नहीं करवाता था। इस वजह से विवाद हुआ था। पति ने पक्ष रखते हुए कहा कि पत्नी अपनी मां से मोबाइल पर काफी देर तक बातें करती थी। उसकी कम और अपनी मां की ज्यादा सुनती थी। वहीं, पत्नी ने डीसी से कहा कि मेरी पति सेे कह दो कि एक फोन दिला दे। पति ने इन्कार करते हुए कहा कि अपने फोन से ही बात करवाउंगा।
एक लड़की अपना सब कुछ छोड़कर आती है ससुराल : डीसी
डीसी ने कहा कि वैसे तो हर घर में इस तरह की दिक्कत रहती है, लेकिन विवाहिता अपने माता-पिता से बातचीत करना चाहती है तो इसमें इन्कार नहीं होना चाहिए। एक लड़की अपना सब कुछ छोड़कर ससुराल आती है, इसलिए दोनों में विवाद होने की बजाए आपसी प्यार-प्रेम होना चाहिए। घरेलू विवाद न बढ़े इसके लिए दोनों मिल-जुलकर रहें।
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