कृषि कानूनों को वापस लेना ही किसान आंदोलन का समाधान : कुमारी सैलजा
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा यमुनानगर पहुंचीम। पूर्व जिला परिषद चेयरमैन व प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य श्याम सुंदर बतरा के आवास पर पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान किसान आंदोलन कोरोना टीकाकरण और जितिन प्रसाद जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी।
यमुनानगर, जेएनएन। कुमारी सैलजा ने कहा कि फसलों का एमएसपी तय करना एक रूटीन की प्रक्रिया है। हर साल फसलों का एमएसपी बढ़ता है। असली मुद्दा एमएसपी नहीं बल्कि यह है कि किसान क्या चाहते हैं। किसानों की इस वक्त सबसे बड़ी मांग है कि तीनों कृषि कानून वापस हों। इसके लिए किसान गर्मी, सर्दी व बरसात में खुले आसमान के नीचे बैठे हैं। सरकार इसका हल नहीं निकाल रही। इसका समाधान यही है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने पूर्व जिला परिषद चेयरमैन व प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य श्याम सुंदर बतरा के आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही। इससे पूर्व सैलजा ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा की पहली महिला प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कमला वर्मा के घर जाकर शोक जताया। सैलजा ने कहा कि किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ नहीं है। ऐसा कहकर भाजपा अपनी गलती को दूसरों पर डालना चाहती है। सैलजा ने कहा कि सवा साल में कोरोना महामारी की भयावता का अंदाजा सरकार नही लगा सकी। चेताने के बावजूद कोरोना से निपटने में सरकार पूरी तरह से विफल रही। कोरोना वैक्सीनेशन लगवाने को लेकर लोग असमंजस में है। हर रोज नियम बदल रहे हैं। किसी को कुछ पता ही नहीं चल रहा कि उन्हें वैक्सीन कहां लगेगी। कांग्रेस की मांग है कि सबको मुफ्त वैक्सीन लगे। ब्लैक फंगस की दवाइयां उपलब्ध नहीं है। कितने लोग कोरोना से मर रहे हैं इसके आंकड़े छिपाए जा रहे हैं।
जितिन प्रसाद के भाजपा में जाने पर यह बोलीं
जितिन प्रसाद के भाजपा में जाने पर सैलजा ने कहा कि कांग्रेस समुद्र की तरह है। कोई अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कहीं जाए तो कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस में युवाओं की अनदेखी पर सैलजा ने कहा कि पार्टी के पास असंख्य युवा हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते प्रदेश कांग्रेस संगठन की नियुक्तियां टल गई थीं। स्थिति सामान्य होते ही जिलास्तर पर जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
पंचायती चुनाव के लिए फैसला मिलकर करेंगे
सैलजा ने कहा कि पंचायती चुनाव पार्टी चिह्न पर लड़ने का फैसला पार्टी नेता मिलकर करेंगे। इससे पूर्व सैलजा उन कांग्रेस नेताओं के घर पर शोक जताने पहुंची थी जिनके यहां कोराना या अन्य बीमारियों से मौत हो गई थी। मौके पर विधायक रेणु बाला, श्याम सुंदर बतरा, निर्मल चौहान, राय सिंह, नरपाल गुर्जर, मनोज जयरामपुर, मोहन वर्मा, नर सिंह पाल, मांगे राम, सचिन शर्मा, राकेश काका, देवेंद्र चावला समेत अन्य मौजूद रहे।