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सुषमा ने दिया था 5100 का इनाम तो पड़ गया नाम इक्यावन पहलवान Panipat News

दंगल प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा से चौंकाने वाले विजय को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सम्मानित किया था। तब से उनका नाम इक्यावन पहलवान पड़ गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 05:01 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 05:01 PM (IST)
सुषमा ने दिया था 5100 का इनाम तो पड़ गया नाम इक्यावन पहलवान Panipat News
सुषमा ने दिया था 5100 का इनाम तो पड़ गया नाम इक्यावन पहलवान Panipat News

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो, न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए। अंबाला की बेटी सुषमा स्वराज के निधन के बाद लोग गमगीन हैं। अब कुछ शेष है तो सिर्फ उनकी उजली यादें। कुछ यादें ऐसी होती हैं, जो अपनी अमिट छाप छोड़ जाती हैं। ऐसी ही यादें विजय कुमार की भी हैं। विजय कुश्ती कोच हैं। आज वह जिस भी मुकाम पर हैं, जो भी उनकी पहचान है, उसके लिए वह सुषमा को जरिया मानते हैं।

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विजय कुमार इक्यावन पहलवान के नाम से भी मशहूर हैं। इसकी कहानी भी दिलचस्प है। उन्हें यह नाम सुषमा के हाथों 5100 रुपये का इनाम मिलने के बाद मिला था। इसी इनाम की बदौलत उनका नाम इक्यावन पहलवान पड़ गया था। आज वे छावनी के दयाल गुरु अखाड़े में कुश्ती के खिलाडिय़ों को दांवपेंच सिखा रहे हैं। 

 Vijay

विजय कुमार इक्यावन पहलवान।

सुषमा की हौसलाअफजाई ने बढ़ाया उत्साह और मिल गई सफलता की राह
विजय अपनी यादों को ताजा करते हुए बताते हैं कि यह बात सन 1978 की है। अंबाला छावनी में एक दंगल हुआ था। इसमें कई पहलवान हिस्सा ले रहे थे। तब वह छठी कक्षा में पढ़ते थे। कुश्ती का शौक शुरू से ही था और अखाड़े में पहलवानी के गुर सीखते थे। वह भी इस प्रतियोगिता का हिस्सा बनने पहुंच गए। यहां एक के बाद एक पहलवानों को हराते चले गए। फाइनल में भी उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को पटखनी दी और दंगल जीत लिया। अब बारी थी सम्मान समारोह की। विजय स्टेज पर पुरस्कार लेने पहुंचे तो वहां बतौर मुख्य अतिथि सुषमा स्वराज मौजूद थीं। उन्होंने पुरस्कार स्वरूप 5,100 रुपये का नकद इनाम विजय कुमार को दिया। इसके बाद अंबाला के कुश्ती खिलाडिय़ों में उनका नाम ही इक्यावन पहलवान के नाम से मशहूर हो गया। विजय बताते हैं कि इस जीत और सुषमा की हौसलाअफजाई के बाद उत्साह इतना बढ़ गया कि जिला ही नहीं, राज्य और फिर नेशनल लेवल पर भी उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला।  

सुषमा स्वराज जी के निधन पर यकीन नहीं हुआ। कुश्ती के खेल में उनके द्वारा दिया गया इनाम आज भी यादों में जिंदा है। उनकी प्रेरणा की बदौलत ही इस खेल में आगे बढ़ पाया। इनाम लेते समय की फोटो आज भी मैंने बहुत संभालकर रखी है। 
- विजय कुमार, पूर्व रेसलर अंबाला 

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