जैव युद्ध और इसके निहितार्थ विषय पर वेबिनार
करहंस स्थित गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में 21वीं सदी में जैव युद्ध और इसके निहितार्थ विषय पर डीन डॉ. धर्मेंद्र पटियाल के मार्गदर्शन में वेबिनार का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, समालखा : करहंस स्थित गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में 21वीं सदी में जैव युद्ध और इसके निहितार्थ विषय पर डीन डॉ. धर्मेंद्र पटियाल के मार्गदर्शन में वेबिनार का आयोजन किया गया। बीबीए एलएलबी हेड शिल्पा सरदाना व सहायक प्रोफेसर विशाखा शेखावत ने इसमें सहयोग किया। मुख्य वक्ता के रूप में अंतरराष्ट्रीय वकील एवं फॉरेन पॉलिसी एक्सपर्ट एंड एग्जिक्यूटिव सेक्रेटरी (इंडियन नेशनल एसोसिएशन ऑफ लीगल प्रोफेशनल) मनुज भारद्वाज उपस्थित रहे। गीता ग्रुप के वाइस चेयरमैन निशांत बंसल और डीन पटियाल ने भी वेबिनार में अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस एक जैविक हथियार है। पहले विश्व युद्ध में भी ऐसे जैविक हथियार का प्रयोग किया गया था। लोगों को बहुत नुकसान हुआ था। अभी भी यही हुआ है। मुख्य वक्ता ने कहा कि बायोलॉजिकल हथियार और केमिकल हथियारों पर अंतरराष्ट्रीय संधि होनी चाहिए, क्योंकि ये इंसान की जान के लिया खतरा है। उन्होंने इस पर सम्मेलन बुलाने की बात कही। साथ ही कहा कि कोरोना वायरस के जिम्मेदार की खोज जरूरी है। वेबिनार के अंत में प्रतिभागियों और वक्ताओं के बीच सवाल जबाव पूछे गए।
इस अवसर डॉ. सुभाष मित्तल, डॉ. विकास नांदल, साक्षी गुप्ता, अनिल वत्स आदि मौजूद रहे।