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Weather: पश्चिमी विक्षोभ से बिगड़ेगा हरियाणा के मौसम का मिजाज, इन शहरों में बारिश की संभावना

Weather Update News पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हरियाणा सहित पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम बिगड़ेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी होगी वहीं मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आज से मौसम बदल सकता है।

By Pawan sharmaEdited By: Anurag ShuklaPublished: Fri, 04 Nov 2022 08:57 AM (IST)Updated: Fri, 04 Nov 2022 08:57 AM (IST)
Weather: पश्चिमी विक्षोभ से बिगड़ेगा हरियाणा के मौसम का मिजाज, इन शहरों में बारिश की संभावना
हरियाणा में मौसम आज से बदल सकता है।

पानीपत/करनाल, जागरण संवाददाता। मौसम एक बार फिर परिवर्तनशील हो रहा है। मौसम विभाग ने संभावना जाहिर की है कि चार नवंबर की रात सेे एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इसी क्रम में पांच नवंबर से यह आसपास के मैदानी इलाकों को प्रभावित कर सकता है। इसके चलते प्रभावित होने वाले पर्वतीय क्षेत्रों में बिखरी हुई या काफी व्यापक वर्षा और बर्फबारी होने की संभावना है।

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दीपावली के पहले और इसके कुछ दिन बाद तक वातावरण में प्रदूषण की मात्रा अधिक नहीं होने के कारण मौसम की चाल में अधिक बदलाव दृष्टिगोचर नहीं हुआ लेकिन अब ऐसी स्थिति उभर रही है। इसके तहत पांच से सात नवंबर के दौरान जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित बाल्टिस्तान सहित मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में मौसम बदलने के आसार नजर आ रहे हैं। छह और सात नवंबर को उत्तराखंड में अलग-अलग हल्की या मध्यम वर्षा हो सकती है जबकि ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी की भी संभावना है। इसी तरह पांच से सात नवंबर के दौरान पंजाब में अलग-अलग जगह हल्की बारिश हो सकती है। छह नवंबर को कश्मीर घाटी में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा और बर्फबारी की भी संभावना है।

अहम पहलू यह है कि इसके बाद एक और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित होने की संभावना भी बन रही है। इसके नतीजे में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र इस सप्ताह के अंत में क्षेत्र में हल्की वर्षा और बर्फबारी का कारण बन सकता है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण तमिलनाडु और पड़ोसी क्षेत्रों पर बना हुआ है जबकि एक ट्रफ रेखा इस प्रणाली से निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तर में लक्षद्वीप क्षेत्र तक जाती दिखाई दे रही है। एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और निचले क्षोभमंडल स्तरों में पड़ोस में स्थित है।

इसके प्रभाव के तहत तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल और केरल आदि में सप्ताह के अधिकांश दिनों में अलग-अलग जगह पर भारी गिरावट और गरज या बिजली के साथ वर्षा जारी रहने की संभावना है। दक्षिण तमिलनाडु और दक्षिण केरल में भी भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा पहले सप्ताह के अंत या दूसरे सप्ताह की शुरुआत में श्रीलंका तट से दूर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। दूसरे सप्ताह की पहली छमाही के दौरान इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर तमिलनाडु की ओर बढ़ने की बहुत संभावना है।

तापमान में भी गिरावट

परिवर्तनशील होते मौसम और सर्दियों की दस्तक के साथ तापमान में भी गिरावट झलकने लगी है। पश्चिमी राजस्थान, उत्तराखंड और पंजाब के अधिकांश स्थानों पर फिलहाल न्यूनतम तापमान का स्तर सामान्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस से 3.0 डिग्री सेल्सियस ऊपर बना हुआ है। हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पूर्वी राजस्थान और तटीय आंध्र प्रदेश आदि में भी कुछ स्थानों पर कमोबेश यही स्थिति है। विदर्भ, मराठवाड़ा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में कुछ स्थानों पर तामपानल का स्तर सामान्य से नीचे यानि करीब माइनस 1.6 डिग्री सेल्सियस से माइनस 3.0 डिग्री सेल्सियस आंका जा रहा है। जबकि गंगीय पश्चिम बंगाल, कोंकण, गोवा और तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों सहित देश के बाकी हिस्सों में तापमान का स्तर सामान्य के करीब है। मैदानी इलाकों में मोतिहारी (बिहार) में न्यूनतम तापमान 12.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।


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