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Water Crises: कल के लिए जल बचाना जरूरी, पानीपत के 192 में से रेड जोन में 60 गांव

Water Crises in Haryana हरियाणा में भू-जल संकट का खतरा गहराता जा रहा है। पानी बचाने को लेकर किए जा रहे सारे प्रयास नकाफी साबित हो रहे हैं। पानीपत की बात करें तो जिले के 192 गांव में 60 रेड जोन में शामिल है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 07:10 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 07:59 AM (IST)
Water Crises: कल के लिए जल बचाना जरूरी, पानीपत के 192 में से रेड जोन में 60 गांव
पानीपत के 60 गांव रेड जोन में शामिल।

पानीपत, [रामकुमार कौशिक]। औद्योगिक नगरी पानीपत जिले की भू जल की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। ये हालात तब है, जब केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार गिरते भू जल स्तर की स्थिति में सुधार को लेकर अनेक स्कीमें चला रही है। किसानों को धान की बजाय कम पानी लागत वाली फसलों की बुवाई के प्रति प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन राशि तक दी जा रही है।

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फिर भी जिले के 192 गांवों में से 60 यानि हर तीसरा गांव रेड जोन में हैं। दर्जन भर गांव ऐसे भी हैं जहां जल स्तर 130 फीट से नीचे जा चुका है। सिवाह जिले का इकलौता गांव हैं। जिसकी स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। यहां भू जल स्तर 51.70 मीटर, यानि 168 फीट से नीचे जा चुका है। पानीपत जिले में भू जल स्तर के लगातार गिरने के एक नहीं, बल्कि अनेक कारण हैं। ऐसी चिंताजनक स्थिति में कल के लिए जल को बचाना बहुत जरूरी है।

सालों में 2 से 20 मीटर तक गिरा भू जल स्तर

पानी के लगातार दोहन के चलते भू जल स्तर गिर रहा है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक पिछले 11 सालों में जिले में अलग अलग एरिया में 2 से लेकर 20 मीटर तक भू जल स्तर गिरा है। खासकर शहर से लगते गांवों की स्थिति ज्यादा चिंताजनक हैं। जहां भू जल स्तर सबसे ज्यादा गिर रहा है। सिवाह में जून 2010 में जल स्तर 32.80 मीटर था। जो अक्टूबर 2021 में 51.70 मीटर तक जा पहुंचा है। इसी तरह रिसालू का 31.80 से 48.25, गांजबड़ का 31.40 से 40.46 मीटर , राजाखेड़ी 18.70 से 42.06, कुटानी 19.21 से 37.86 मीटर तक जा पहुंचा है।

पानीपत व समालखा खंड की स्थिति सबसे खराब

वैसे तो जिले के सभी खंडों में भू जल स्तर की स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन पानीपत व समालखा खंड में स्थिति और ज्यादा चिंताजनक होती जा रही है। दोनों खंडों के 48 गांव रेड जोन का हिस्सा हैं। तीसरे नंबर पर बापौली ब्लाक है। जिसके 10 गांव रेड जोन में हैं। चौथे नंबर पर इसराना के केवल दो गांव रेड जोन में हैं। जबकि जिले का मतलौडा खंड केवल ऐसा है। जिसका एक भी गांव अभी रेड जोन में नहीं है। जिले के 12 गांवों में जहां भू जल स्तर 40 से 51 मीटर के बीच है। वहीं 49 गांवों में 30 से 40 मीटर के बीच है।

खेती में सबसे पानी का उपयोग

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि खेती में सबसे ज्यादा पानी का उपयोग होता है। हमारे किसान गेहूं व धान की खेती करते हैं। धान में सबसे ज्यादा पानी लगता है। हमें गिरते भू जल स्तर को बचाना है तो धान को छोड़ अन्य फसलों को अपनाना होगा। सरकार धान की सीधी बुवाई करने पर चार हजार व धान छोड़ अन्य फसल उगाने पर सात हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। धान की सीधी बुवाई कर किसान कम खर्च में खेती कर प्रोत्साहन राशि पाने के साथ पानी बचा सकते हैं।

भू जल स्तर गिरने के ये हैं मुख्य कारण

-- पानीपत में छोटे व बड़े करीब 12 हजार उद्योग हैं। जहां हर रोज करोड़ों लीटर पानी की खपत होती है।

-- जिले में गेहूं के बाद धान की सबसे ज्यादा खेती होती है। जिसका रकबा हर खरीफ के सीजन में 70 हजार हेक्टेयर के करीब होता है। धान की खेती करने में ज्यादा पानी लगता है।

-- जिले में सैंकड़ों छोटे व बड़े सर्विस स्टेशन लगे हैं। जहां वाहनों को धोने पर हजारों लीटर पानी हर रोज खराब होता है।

-- जिले में 97 हजार हेक्टेयर के करीब रकबा खेती योग्य है। इसमें से करीब 92 हजार हेक्टेयर में खेती होती है। काफी भूमि नहरी पानी से भी सिंचित होती है। फिर भी खेतों में 33 हजार 997 ट्यूबवेल लगे हैं।

-- जिले में छह एसटीपी लगे हैं। जिनकी कुल क्षमता 125 एमएलडी है। जहां प्रतिदिन करीब 1.25 करोड़ लीटर पानी ट्रीट होता है। लेकिन मांगने पर भी उस पानी को डाई हाउस या कृषि क्षेत्र में देने की बजाय उल्टा नालों में गिराया जा रहा है।

-- जनस्वास्थ्य विभाग घरों में पीने के पानी की सप्लाई करता है। हजारों कनेक्शन अवैध भी हैं। जिनमें काफी आगे टूंटी लगी न होने पर बेकार में पानी बहता रहता है।

इन गांवों की हालात चिंताजनक जहां भू जल स्तर 40 मीटर से नीचे जा चुका है

गांव -- -- -- -- -- जून 2010 -- -- -- -- -- -- अक्टूबर 2021

सिवाह -- -- -- -- -- -- -32.80 -- -- -- -- -- -- -- -51.70 (मीटर)

रिसालू -- -- -- -- -- -- -31.80 -- -- -- -- -- -- -- -48.25

पानीपत -- -- -- -- -- -44.86 -- -- -- -- -- -- -- -46.98

उग्राखेड़ी -- -- -- -- -- -28.20 -- -- -- -- -- -- -- -42.46

राजाखेड़ी -- -- -- -- -- 18.70 -- -- -- -- -- -- -- -42.06

मलिक उग्रा-वन -- -- 24.70 -- -- -- -- -- -- -- -42.12

करहंस -- -- -- -- -- 26.60 -- -- -- -- -- -- -- -41.38

नुरपुर मुगलान -- -- -31.40 -- -- -- -- -- -- -- 41.10

सिवाह खेड़ी -- -- -- -23.80 -- -- -- -- -- -- -- -41.10

गांजबड़ -- -- -- -- -- -- -31.40 -- -- -- -- -- -- -- 40.46

पसीना खुर्द -- -- -- -31.10 -- -- -- -- -- -- -- 40.10

निंबरी -- -- -- -- -- 21.20 -- -- -- -- -- -- -- -40.10

किस खंड में किस जोन में कितने गांव

खंड -- -- -- -- -रेज जोन -- पिंक -- -- -- लाइट ग्रीन -- -- ग्रीन -- -- येलो -- -पर्पल -- -- ब्लू

पानीपत -- -- -- -- -28 -- -- -- -09 -- -- -- -- -- -01 -- -- -- -- -02 -- -- -00 -- -- 00 -- -- -- -00

समालखा -- -- -- -20 -- -- -- -14 -- -- -- -- -- -20 -- -- -- -- -- 01 -- -- -00 -- -- 00 -- -- -- -00

बापौली -- -- -- -- -10 -- -- -- -04 -- -- -- -- -- -13 -- -- -- -- -- 00 -- -- -00 -- -- 00 -- -- -- -00

इसराना -- -- -- -- -02 -- -- -- -05 -- -- -- -- -- -14 -- -- -- -- -- 08 -- -- -03 -- -- 00 -- -- -- -00

मतलौडा -- -- -- -- 00 -- -- -- -06 -- -- -- -- -- -20 -- -- -- -- -- 11 -- -- -00 -- -- 00 -- -- -- -00


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