भक्ति मार्ग से ही मिल सकता है शिव चरणों में स्थान : विजय कौशल
आज के इस जीवन में मनुष्य काम क्रोध लोभ मोह माया के चक्कर में पड़ गया है। इसके कारण वह भक्ति पथ से विचलित होकर अपनी इंद्रियों से नियंत्रण खो चुका है। उसके जीवन भर के पुण्य और पाप ही उसे स्वर्ग और नरक ले जाएंगे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : आज के इस जीवन में मनुष्य काम, क्रोध, लोभ, मोह, माया के चक्कर में पड़ गया है। इसके कारण वह भक्ति पथ से विचलित होकर अपनी इंद्रियों से नियंत्रण खो चुका है। उसके जीवन भर के पुण्य और पाप ही उसे स्वर्ग और नरक ले जाएंगे। केवल भक्ति ही ऐसा पथ है जिस पर चलकर मनुष्य भगवान शिव के चरणों में स्थान प्राप्त कर सकता है। देवी मंदिर में शिव पुराण कथा सुनाते हुए ये प्रवचन वृंदावन से पधारे आचार्य विजय कौशल महाराज ने कही।
स्वामी मुक्तानंद के सानिध्य में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने श्रद्धालुओं को शिवलिग पूजन की विधियों की जानकारी दी। तीनों लोकों के स्वामी होने के बावजूद कैलाश पर्वत पर विराजमान रहते हैं। वे सुर और असुर दोनों को अपनी संतान के समान ही मानकर उनकी रक्षा करते हैं। भगवान शिव केवल शिवलिग पर दूध और बेलपत्र चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं। वे अपने भक्तों पर सदैव कृपा बनाए रखते हैं। भक्तों को कष्ट में देख वे खुद किसी न किसी रूप में उनके कष्टों को हरने के लिए आ जाते हैं।
कार्यक्रम में हनुमान की उड़ती हुई झांकी भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही। कार्यक्रम में अतुल गुप्ता और मांगेराम भट्ठे वाले बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। इस मौके पर जॉनी सिगला, संजय मंगल, सचिन गुप्ता, गोपाल तायल, राकेश कंसल, विशाल तायल, जितेंद्र सिगला, प्रदीप गुप्ता, संजय जिदल आदि मौजूद रहे।