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विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान की हिंदी दिवस पर पहल, भारतीय संस्कृति पर लाखों विद्यार्थी एक साथ लिखेंगे निबंध

हिंदी दिवस पर विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान पहल करते हुए निबंध प्रतियोगिता आयोजित करा रहा है। हिंदी दिवस के मौके पर भारतीय संस्‍कृति दिवस पर लाखों विद्यार्थी एक साथ निबंध लेखन करेंगे। निबंध प्रतियोगिता चार वर्गों के लिए है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 09:59 AM (IST)
विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान की हिंदी दिवस पर पहल, भारतीय संस्कृति पर लाखों विद्यार्थी एक साथ लिखेंगे निबंध
विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान की ओर से निबंध प्रतियोगिता।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान की ओर से हिंदी दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय छात्र निबंध प्रतियोगिता का आयोजन देशभर में एक साथ 14 सितंबर को होगा। जिसमें लाखों की संख्या में छात्र भाग लेंगे। संस्थान के निदेशक डा. रामेंद्र सिंह ने बताया कि संस्कृति बोध परियोजना के विभिन्न आयामों में छात्र निबंध प्रतियोगिता महत्वपूर्ण आयाम है, जिसमें 12 भारतीय भाषाओं में कक्षा चौथी से 12वीं तक के लगभग 10 लाख छात्र भाग लेंगे। यह प्रतियोगिता चार वर्गों शिशु वर्ग, बाल वर्ग, किशोर वर्ग और तरुण वर्ग के लिए आयोजित होगी। जिसमें शिशु वर्ग (कक्षा 4-5) के लिए प्रात:काल उठि के रघुनाथा विषय, बाल वर्ग (कक्षा 6-8) के लिए मित्रक दुःख रज मेरु समाना विषय, किशोर वर्ग (कक्षा 9-10) के लिए नारिधर्म कछु ब्याज बखानी एवं तरुण वर्ग (कक्षा 11-12) के लिए भय बिनु होइ न प्रीति विषयों पर निबंध प्रतियोगिता में भाग लेंगे।

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डा. रामेंद्र सिंह ने बताया कि देशभर में विद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाले श्रेष्ठ पांच निबंधों को प्रांतीय समिति में भेजा जाएगा। तत्पश्चा प्रांतीय समिति की ओर से उनमें से वर्गानुसार प्रथम निबंध केन्द्रीय कार्यालय विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान को भेजा जाएगा और संस्थान की ओर से समिति अनुसार परिणाम घोषित किया जाएगा। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कार स्वरूप सद्साहित्य प्रदान किया जाएगा।

विचारों को उचित तरीके से स्पष्ट कर पाने की कला को सीखना ही निबंध-लेखन का मूल मंतव्य

डा. रामेंद्र सिंह ने कहा कि विचारों को उचित तरीके से स्पष्ट कर पाने की कला को सीखना ही निबंध-लेखन का मूल मंतव्य है। निबंध लेखन अपने मन की प्रवृत्ति के अनुसार स्वच्छंद गति से इधर-उधर फूटी हुई सूत्र शाखाओं पर विचरता चलता है। निबंध लेखक को अपनी बात किसी अन्य मत से प्रभावित हुए बिना स्वच्छंद कहनी चाहिए।

लाखों विद्यार्थी एक साथ लिखेंगे निबंध

डा. रामेंद्र सिंह ने बताया कि हिंदी दिवस पर प्रत्येक वर्ष भारतीय संस्कृति के अलग-अलग विषयों पर छात्रों के लिए निबंध लेखन का आयोजन किया जाता है। भारतीय संस्कृति का भारतीय भाषाओं से अटूट संबंध हैं। दोनों एक-दूसरे के पोषक हैं।


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