UP Chunav 2022: हरियाणा के संजय लाठर मथुरा की मांट विधानसभा से लड़ेंगे चुनाव, अखिलेश यादव के हैं खास
हरियाणा के जींद के गांव बूढ़ाखेड़ा लाठर के संजय लाठर यूपी के चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। वे मथुरा की मांट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। संजय छात्र जीवन से ही नेताजी से जुड़े हैं। वे अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं।
जींद, [कर्मपाल गिल]। जींद जिले की जुलाना विधानसभा क्षेत्र के गांव बूढ़ाखेड़ा लाठर के संजय लाठर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दंगल में ताल ठोकेंगे। समाजवादी पार्टी ने उन्हें मथुरा जिले के मांट विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। मांट से 2012 में पहली बार राष्ट्रीय लोक दल यानी रालोद प्रमुख जयंत चौधरी विधायक बने थे। अब सपा-रालोद गठबंधन होने के कारण संजय लाठर मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं।
पत्रकारिता में पीएचडी डा. संजय लाठर छात्र जीवन से ही सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ जुड़ गए थे। उनकी ज्यादातर पढ़ाई भी उत्तरप्रदेश में हुई है। भाषण और टीम प्रबंधन में तेजतर्रार लाठर ने थोड़े समय में ही मुलायम सिंह के परिवार में गहरी पैठ बना ली थी। इसी कारण उन्हें पहले सपा की युवा विंग छात्र विंग और बाद में युवा विंग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। लाठर ने शुरुआती दिनों में हरियाणा में सपा को मजबूत करने की कोशिश की। खुद उन्होंने लोकसभा व विधानसभा के कई चुनाव लड़े, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
1998 में सोनीपत से लड़ा चुनाव
मुलायम सिंह ने 1998 के लोकसभा चुनाव में संजय लाठर को सोनीपत संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया। इसके बाद 2005 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भी जुलाना विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं हुई। 2005 में संजय लाठर के चुनाव प्रचार के लिए जुलाना पहुंचे मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि यहां के लोग उन्हें चुनाव जिताकर विधानसभा भेजेंगे तो ठीक है, नहीं तो वे उत्तरप्रदेश में विधायक बनाएंगे। अपनी बात पर खरा उतरते हुए सपा प्रमुख ने योगी सरकार में ही संजय लाठर को यूपी विधान परिषद का सदस्य भी मनोनीत कराया।
अखिलेश के काफी नजदीकी हैं संजय लाठर
मांट से सपा प्रत्याशी बने डा. संजय लाठर की गिनती अखिलेश यादव के खासमखास में होती है। अब सपा व रालोद का गठबंधन है। ऐसे में संजय लाठर सबसे मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं।
पत्नी की थी चुनाव लड़ने की चर्चा, 31 दिसंबर को छोड़ी थी नौकरी
सियासी गलियारों में संजय लाठर की जगह उनकी पत्नी बबीता देवी के चुनाव लडऩे की चर्चा थी। सपा सरकार में उन्हें माध्यमिक शिक्षा चयन सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधिनस्थ चयन सेवा आयोग की सदस्य भी बनाया गया था। हालांकि वह हरियाणा शिक्षा विभाग में संस्कृत अध्यापिका के तौर पर कार्यरत थी। अभी उनकी पोस्टिंग जुलाना ब्लाक के गतौली गांव के राजकीय हाई स्कूल में थी। लेकिन वह लंबे समय से अवकाश पर चल रही थीं। बीती 31 दिसंबर को उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, जो 11 जनवरी को मंजूर कर लिया गया।
पैतृक गांव में खुशी का माहौल
संजय लाठर को मांट विधानसभा से टिकट मिलने पर उनके पैतृक गांव बूढ़ाखेड़ा लाठर में खुशी का माहौल है। संजय लाठर पांच भाई हैं, जिनमें से एक का निधन हो चुका है। तीन भाइयों का परिवार गांव में ही रहता है। कुछ समय पहले संजय लाठर की माता का निधन हो गया था, तब वह गांव में आए थे। उनके भतीजे ने बताया कि वह गांव में अक्सर आते रहते हैं। टिकट मिलने पर भतीजे ने कहा कि स्वजन बहुत खुश हैं। दावा किया कि उपचुनाव में वह मामूली अंतर से चूक गए थे, इस बार बड़े अंतर से जीत मिलेगी।