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बेकाबू होते डेंगू केस, 184 हुई कंफर्म मरीजों की संख्या

जागरण संवाददाता पानीपत कोरोना वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ डेंगू केस भी बेकाबू

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 05:37 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 05:37 AM (IST)
बेकाबू होते डेंगू केस, 184 हुई कंफर्म मरीजों की संख्या
बेकाबू होते डेंगू केस, 184 हुई कंफर्म मरीजों की संख्या

जागरण संवाददाता, पानीपत

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कोरोना वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ डेंगू केस भी बेकाबू हैं। इस सीजन में 184 केस कंफर्म हो गए हैं। अच्छी बात यह कि सिविल अस्पताल की लैब को मिली एलाइजा रीडर मशीन रनिग में आ गई है। अब आशंकित मरीजों के ब्लड सैंपल जांच के लिए जिला रेडक्रास सोसाइटी नहीं भेजने पड़ रहे हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डा. सुनील संडूजा ने बताया कि डेंगू के आशंकित मरीजों के ब्लड सैंपल रेडक्रॉस ब्लड बैंक में टेस्टिग के लिए भेजे जाते थे। अब सैंपल टेस्टिग अस्पताल में होने लगी है। रोजाना करीब 40-50 आशंकित मरीजों के सैंपल लिए जाते हैं। एलाइजा रीडर मशीन में एक राउंड में करीब 90 सैंपल लगाए जाते हैं। सैंपलों की जांच हर दूसरे दिन हो रही है। उन्होंने बताया कि सितंबर में डेंगू के केस एकाएक बढ़ने लगे, 33 मरीज मिले।

अक्टूबर में 108 केस और इस माह अब तक 35 मिल चुके हैं। कंफर्म मरीजों के घर के आसपास 60 घरों में एंटी लार्वा स्प्रे कराया जा रहा है। लार्वा मिलने पर गृहस्वामियों को नोटिस थमाए जा रहे हैं। सात दिन बाद पुन: निरीक्षण किया जाता है।

इस सीजन कुछ ऐसे बढ़े-घटे केस

जून : 01

जुलाई : 01

अगस्त : 06

सितंबर : 33

अक्टूबर : 108

नवंबर : 35

साल-दर-साल केस

2016 : 12

2017 : 469

2018 : 133

2019 : 04

2020 : अब तक 184 बचाव के तरीके :

-सोते समय मच्छर दानी का उपयोग करें।

-खिड़की दरवाजों में नेटिग होनी चाहिए।

-घर और आसपास पानी को एकत्र न होने दें।

-अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इकट्ठा न होने दें।

-पानी की टंकी पूरी तरह ढक कर रखें।

-फ्रीज की ट्रे रोजाना साफ करें।

-शरीर को ढ़कने वाले परिधान पहनें। डेंगू बुखार के लक्षण :

-सिर व मांसपेशियों में दर्द।

-उल्टी आना, ग्रंथियों में सूजन।

-आंखों में दर्द होना।

टेस्ट नहीं करा रहे मरीज

सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने बताया कि डेंगू और कोरोना के आशंकित-पाजिटिव मरीज को बुखार आता है। कहीं कोरोना न हो, क्वारंटाइन होने के डर से टेस्ट कराने से कतरा रहे हैं। लोगों से अपील है कि बुखार-खांसी होने पर छिपाएं नहीं, टेस्ट और इलाज कराएं।


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