Lockdown 3.0 में सामने आ रहे चौंकाने वाले मामले, ससुराल लौटना चाह रहीं पति से अलग हो चुकी बहुएं
लॉकडाउन3.0 शुरू हो चुका है। लॉकडाउन में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। पति और पत्नी के बीच चल रहे विवादों के बीच एक नई राह देखने को मिल रही।
पानीपत, [राज सिंह]। सास गारी देवे, देवर समझा देवे...ससुराल गेंदा फूल। यानी, हजार कमी के बावजूद ससुराल अच्छा ही है। इन दिनों लॉकडाउन में कुछ ऐसा भी सामने आ रहा है, पति से अलग हुई महिलाएं वापस ससुराल भी जाना चाह रही हैं। दरअसल, उन्हें गुजारा भत्ता मिल नहीं रहा। नौकरी छूट गई है। इसलिए ससुराल को ही सुरक्षित ठिकाना मानते हुए प्रशासन से घर दिलाने की मांग कर रही हैं।
लॉकडाउन-3 शुरू हो चुका है। 22 मार्च से अब तक के अंतराल ने उन महिलाओं के लिए सबसे अधिक परेशानी खड़ी कर दी है, जो किसी न किसी कारण पति से अलग रह रही हैं। लॉकडाउन के कारण व्यवसायिक गतिविधियां बंद हैं, नौकरी चली गई है। कुछ महिलाएं स्वरोजगार से गुजारा करती थी, उन पर भी संकट है। कोर्ट केस संबंधी मामलों में पति भी आय बंद होने के कारण गुजारा भत्ता नहीं दे रहे हैं।
गुजारा भत्ता अटका
शहर की एक महिला ने तलाक का मुकदमा डाला हुआ है। मार्च में केस की दूसरी तारीख पर कोर्ट गुजारा भत्ता संबंधी ऑर्डर सुनाने थे। लॉकडाउन के कारण तारीख स्थगित हो गई। अब वह परेशान है कि कब लॉकडाउन खुलेगा, कब नई तारीख मिलेगी।
नहीं टूटा बाल विवाह
बाल विवाह की शिकार किशोरी ने शादी को तुड़वाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। मार्च के अंत की तारीख दी गई थी। लॉकडाउन के कारण याचिका पर विचार नहीं हो सका। वह इस इंतजार में है कि लॉकडाउन खुले और वह बाल विवाह के कलंक से छुटकारा पाए।
नहीं मिला गुजारा भत्ता
खन्ना रोड वासी महिला को कोर्ट के आदेश पर ससुराल में रहने का अधिकार मिला था। ससुराल पक्ष ने उसे टॉप फ्लोर पर कमरा दिया। वह अपने दो बच्चों के साथ रह रही थी। पति, देवर-देवरानी आदि भूतल पर बने कमरों में रह रहे हैं। लॉकडाउन के कारण देवरानी के बच्चे छत पर खेलने आने लगे हैं। बच्चों का झगड़ा, बड़ों तक पहुंच गया। कामकाज बंद होने के कारण पति ने खर्च देना बंद कर दिया है।
महिला बोली ससुराल में जगह दिलाओ
लॉकडाउन के पहले से पति-पत्नी अलग रह रहे हैं। महिला ट्रैवल एजेंसी पर काम करती थी, वह फिलहाल बंद है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी ट्रैवल एजेंसी पर संकट रहेगा। महिला को अपने गुजारे की चिंता सता रही है। अब वह महिला संरक्षण अधिकारी को कॉल कर, ससुराल में जगह दिलाने की मांग कर रही है।
घरेलू हिंसा भी बढ़ी
जिला बाल विवाह निषेध एवं महिला संरक्षण अधिकारी रजनी गुप्ता से महिलाओं की परेशानियों पर चर्चा हुई तो चौंकाने वाले केस बताए। उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा, दंपती के बीच विवाद के केस लॉकडाउन में कम नहीं हुए हैं। रोजाना एक-दो शिकायतें मोबाइल फोन पर आती हैं। दोनों पक्षों की फोन पर ही काउंसिलिंग की जा रही है। रजनी के मुताबिक सभी घरों में वाई-फाई सुविधा नहीं हैं। बेटा-बेटी मोबाइल फोन और इंटरनेट चलाने की मांग करते हैं तो अभिभावक डर जाते हैं। इस विषय पर बच्चों-अभिभावकों के बीच नोकझोक होने लगी है। माता-पिता निगरानी करें तो भी बच्चों को बुरा लग रहा है।