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कोरोना से टूटने लगी थी मां की सांसों की डोर, सात फेरों में बेटी ने लिया ये आठवां वचन

जींद की रधाना की बेटी निशा ने सराहनीय पहल की। 28 अप्रैल को शादी थी। लेकिन मां को कोरोना हो गया। सांस लेने में तकलीफ हुई। सिटी स्कोर 20 तक चला गया। कई दिन कोरोना से जंग लड़ी और जीतीं। मां की इस तकलीफ ने निशा को नई राह दिखाई।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 04:05 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 04:05 PM (IST)
जींद की निशु ने नए जीवन की शुरुआत पर्यावरण सुरक्षा के वचन के साथ की।

प्रदीप घोघड़ियां, जीद। बातें तो बहुत से लोग करते हैं लेकिन समाज के प्रति अपने दायित्‍व का निर्वाह कम लोग ही करते हैं। जींद के गांव रधाना की बेटी निशा आर्या उन चंद लोगों में से एक हैं। मां को कोरोना हुआ। सांस लेने में तकलीफ हुई तो निशु आर्या ने पौधों का महत्व समझा। अपने नए जीवन की शुरुआत पर्यावरण सुरक्षा के साथ की। उनकी इस पहल की लोग सराहना कर रहे हैं।

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निशा आर्या की शादी भिवानी निवासी डॉ. हिमांशु शर्मा के साथ 28 अप्रैल को फिक्स थी। शादी से कुछ दिन पहले ही निशा आर्या की मां शशिबाला कोरोना की चपेट में आ गई। वहीं दूसरी तरफ डॉ. हिमांशु के पिता भी कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए थे। ऐसे में शादी में आने वाले लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में न आ जाएं, इसलिए शादी के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया।

निशा और डॉ. हिमांशु ने अपनी शादी में मेहमानों को तुलसी के पौधे भेंट किए।

मां का सिटी स्कोर पहुंच गया था 20

कोरोना के दौरान निशा की मां को सांस लेने में काफी दिक्कतें हुई। उनका सिटी स्कोर 20 तक चला गया था। कई दिनों के बाद उनकी मां ने कोरोना पर जीत हासिल कर ली लेकिन इस दौरान निशा को ऑक्सीजन और पेड़ों के महत्व के बारे में पता चला। तब उन्होंने फैसला किया कि शादी में आने वाले हर एक मेहमान को पौधा गिफ्ट किया जाएगा।

निशा आर्या की शादी भिवानी निवासी डॉ. हिमांशु शर्मा के साथ हुई है।

निशा के फैसले में डॉ. हिमांशु ने दिया साथ

निशा अपने फैसले से लड़के के पक्ष को अवगत करवाया। जिसके बाद सभी सहमत हो गए। सात जुलाई को निशा शर्मा और डा. हिमांशु परिणय सूत्र में बंधे। कोविड प्रोटोकॉल के तहत 100 लोगों को ही विवाह समारोह में शामिल होने की अनुमति थी, इसलिए सभी मेहमानों को तुलसी का पौधा भेंट किया गया। 

तोहफा ऐसा कि याद तो रहे संदेश भी दे : निशा आर्या

सात जुलाई को परिणय सूत्र में बंधीं, एमससी पास निशा आर्या ने बताया कि शादी में सभी मेहमानों को तुलसी का पौधा तोहफे के रूप में दिया है। साथ ही एक संदेश भी दिया है। यह संदेश है पर्यावरण संरक्षण का। फिलहाल मौसम भी पौधे लगाने का है, क्योंकि अभी मानसून आने वाला है। कोरोना काल में हर इंसान को पेड़-पौधों के महत्व का पता चला है। हालांकि वह शुरू से ही सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेती रही हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे काे बुलंद करने के लिए संगठनों से जुड़ी हैं। 

आर्य समाज से जुड़ी हैं निशा आर्या : प्रवेश आर्या 

शादी समारोह में पहुंची प्रवेश आर्या ने कहा कि निशा स्कूल टाइम से ही आर्य समाज से जुड़ी हैं। बेटियों को अच्छी शिक्षा व संस्कार दें, तो बेटियां एक सुंदर समाज का निर्माण करने में सक्षम होंगी। प्रवेश आर्या ने कहा कि समाज में पेड़-पौधे हमारी शारीरिक, मानसिक, आर्थिक रूप से सहायता करते हैं। शादी में देने के लिए उन्होंने रोहतक से तुलसी के पौधे मंगवाए। 

शादी में शामिल होने आर्य समाज के संगठन अध्यक्ष स्वामी आर्यवेश भी पहुंचे। दंपती की पहल को सराहा।

स्वामी आर्यवेश ने की पहल की सराहना

शादी में शामिल होने पहुंचे आर्य समाज के संगठन अध्यक्ष स्वामी आर्यवेश ने नवदंपती को आशीर्वाद देते हुए निशा आर्या की इस पहल की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन का आधार हैं। जिस तरह से निशा ने हर मेहमान को पौधे गिफ्ट किए हैं, यह सकारात्मक संदेश दूर तक जाएगा।

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