सराहनीय... बेसहारा को सहारा और बेघरों को घर देता ये संगठन, नहीं लेते चंदा, अपने सैलरी से करते परोपकार
इस संगठन में सरकारी कर्मचारी हैं। असहाय लोगों को दवाइयां और राशन वितरित कर रहे हैं। बीमारियों को दूर करने के लिए ऑपरेशन भी करवाते हैं। बेसहारा बुजुर्गों के लिए छत का बंदोबस्त करते हैं। दो साल से 25 बुजुर्गों को राशन दे रहे हैं।
कमल बहल, कैथल। जिनका कोई सहारा नहीं होता, उनकी सहायता के लिए हेल्पिंग हैंड सामाजिक संगठन आगे आकर समाजसेवा कर रहा है। इस संगठन के सदस्य किसी से भी कोई चंदा नहीं लेते, बल्कि अपने जेब खर्च से जरूरतमंद और असहाय लोगों की सहायता करते हैं।
इस संगठन में सरकारी विभागों के अधिकतर कर्मचारी अपने स्तर पर जरूरतमंद लोगों की सहायता करते हैं। इसमें वह उन लोगों की अधिक सहायता करते हैं, जो असहाय यानि किसी भी प्रकार से कमाने में अक्षम होते हैं। उन्हें दवाइयां और राशन वितरित कर रहे हैं। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए ऑपरेशन भी करवाते हैं। यहीं नहीं, जिन जरूरतमंद बुजुर्गों का कोई सहारा नहीं है और उनके मकान जर्जर होते हैं, उनके लिए छत का बंदोबस्त करते हैं। दो सालों में करीब पांच बुजुर्गों के मकान में कमरे का निर्माण कर चुका हैं।
वाट्सएप ग्रुप बना माध्यम, अन्य जिलों से भी कर्मी जुड़े
संगठन के सदस्य तेजी ढांडा ने बताया कि दो साल पहले ही तीन दोस्त, जो पुलिस में कार्यरत हैं, वह आपस में बैठकर जरूरतमंदों की व्यथा पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपने साथियों से भी जरूरतमंदों की सहायता को लेकर अपने-अपने विचार साझा करने के लिए कहा। इस पर शुरुआत में केवल जरुरतमंदों परिवारों की बेटियों की सहायता करनी शुरू की। इसके बाद बुजुर्गों को राशन देना शुरू किया। इसके बाद एक वाट्सएप ग्रुप बनाया। जिसमें अपने जान-पहचान के लोगों को जोड़ा। सभी के सहयोग से यह कारवां बढ़ता गया और अब असहाय बुजुर्गों के मकान के निर्माण और मरीजों के ऑपरेशन व दवाइयों की सुविधा देना भी शुरू किया।
25 बुजुर्ग परिवारों को हर माह दे रहे राशन
अब केवल कैथल ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों से भी सरकारी विभागों के कर्मचारी जुड़ना शुरू हो गए हैं। जिसके बाद वह अब तक 25 बुजुर्ग परिवारों को हर माह राशन दे रहे हैं। जबकि 15 जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता दे चुके हैं। इसके साथ ही 10 असहाय मरीजों की बीमारियों का आपरेशन करवा चुके हैं और उन्हें समय-समय पर दवाइयां दिलवा रहे हैं।
ये लोग कर रहे सहयोग
संगठन के सदस्य तेजी ढांडा ने बताया कि उनकी संस्था का रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया गया है। क्योंकि वह चंदा एकत्रित नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा शुरू किए गए सामाजिक कार्यों में पुलिस विभाग में कार्यरत कर्मचारी बूटा सिंह, मनदीप, सोम कठवाड़ा, मनीष, प्रदीप लांबा, नवीन सहित अन्य सहयोग कर रहे हैं।
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