Move to Jagran APP

शिक्षक भर्ती के लिए पीएचडी योग्‍यता में दो साल की राहत, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को होगा फायदा

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्‍वविद्यालय और महाविद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए पीएचडी योग्यता में दो साल की राहत दी है। मंगलवार को जारी की अधिसूचना। अभी दो साल पहले से तय योग्यता के आधार पर ही होंगी शिक्षक भर्ती।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 04:57 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 04:57 PM (IST)
शिक्षक भर्ती के लिए पीएचडी योग्‍यता में दो साल की राहत, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को होगा फायदा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के फैसले से राहत।

कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए साल 2021 से डाक्टर आफ फिलासफी (पीएचडी) उपाधि की अनिवार्य योग्यता को स्थगित कर दिया है। अब यह शर्त एक जुलाई 2021 की बजाय दो साल बाद एक जुलाई 2023 से लागू होगी। इसके स्थगित होने के बाद अब विवि और महाविद्यालयों में पहले से तय योग्यता राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा पास पर ही शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किए जा सकेंगे। यूजीसी की ओर से इसके लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है।

loksabha election banner

गौरतलब है कि यूजीसी की ओर से उच्च शिक्षा और शोध और गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए उद्देश्य से साल 2018 में अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना के लिए एक जुलाई 2021 के बाद से विवि और महाविद्यालयों में शिक्षकों की सीधी भर्ती में योग्यता में बदलाव किया जाना है। जुलाई 2021 के बाद से शिक्षक भर्ती के लिए पीएचडी को अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया था। पिछले डेढ साल से विश्व भर में फैले कोविड के कहर को देखते हुए यूजीसी ने अब इस योग्यता को दो साल के लिए स्थगित कर दिया है।

कुवि को मिलेगा फायदा, जल्द हो सकती हैं शिक्षक भर्ती

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में बहुत जल्द शिक्षकों की भर्ती होनी हैं। पिछले करीब तीन साल से भर्तियों रुकी होने पर कुवि में शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई हैं, जबकि हर साल शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने पर इस साल दिसंबर तक कुवि में 258 पद खाली हो जाएंगे। इन पदों पर भर्ती के लिए कुवि प्रशासन की ओर से प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया है।

शिक्षकों की जल्द भर्ती से विद्यार्थियों को मिलेगी राहत

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. परमेश कुमार ने बताया कि कुवि में शिक्षकों के पद खाली होने पर विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षकों की जल्द भर्ती होने पर शिक्षा और शोध को बढ़ावा मिलेगा। यूजीसी की ओर से पीएचडी की योग्यता को स्थगित करने से उन शोधार्थियों को भी लाभ मिलेगी जो कोविड 19 के चलते अपनी पीएचडी पूरी नहीं कर पाए हैं।

भर्ती को लेकर इजाजत मिलने का इंतजार

कुवि की शैक्षणिक मामले अधिष्ठाता डा. मंजुला चौधरी ने बताया कि शिक्षक भर्ती के लिए कुवि ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखा हुआ है। प्रदेश सरकार की ओर से पत्र जारी होते ही वह भर्ती के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ए प्लस ग्रेड का दर्जा हासिल कुवि का अगले साल ग्रेडेशन के लिए आंकलन होना है। उन्हें इससे पहले-पहले शिक्षकों के सभी खाली पदों को भरना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.