चीन में चमकेगी चार भारतीय किशोरियों की तलवार, इनमें करनाल की दो बहनें
वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चयनित चार भारतीय महिला खिलाडिय़ों में करनाल की दो बहनों का भी नाम है। दोनों चचेरी बहन छह साल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 120 से ज्यादा मेडल जीते हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप चीन में होनी है।
करनाल, [यशपाल वर्मा]। असिक्रीडा (फेसिंग) मुकाबले में जीत के लिए फुर्ती और हाथ-पैरों का सही प्रयोग जरूरी है न कि बल का। लिहाजा, इस खेल में महिलाएं भी पुरुषों को मात दे सकती हैं। यह कहना है कि 18 वर्षीय तनिक्षा का। तनिक्षा और उसकी चचेरी बहन शीतल दलाल तलवारबाजी में कर्णनगरी का नाम रोशन करने के लिए चीन में होने वाले मुकाबलों की तैयारी कर रही है। छह साल में दोनों ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 120 से अधिक मेडल बटोरे हैं। स्वजनों को दोनों बेटियों पर नाज है।
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप के लिए चयन
चीन में 18 से 29 अगस्त 2021 को वर्ल्ड यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप होने जा रही है। इसमें भारत से चयनित चार महिला खिलाडिय़ों में कर्णनगरी की चचेरी बहनें तनिक्षा और शीतल शामिल हैं। वे फिलहाल रोहतक जिले के सांपला तहसील के अंतर्गत गांव मोरखेरी के विक्रमादित्य ग्लोबल स्कूल में जारी मुकाबलों में मेडल बटोर रही हैं। रविवार को अंडर-17 में तनिक्षा ने एकल मुकाबले में गोल्ड पर कब्जा किया। तनिक्षा और शीतल का दावा है कि पदकों की सीढ़ी चढ़कर ओलंपिक में तमगे जीतेंगी।
खेल को धार देने के लिए विश्वस्तरीय खिलाडिय़ों के साथ अभ्यास
बेटियों को विश्वस्तरीय मुकाम दिलवाने के लिए परिवार ने निजी खर्चे पर फ्रांस के पेरिस में निजी प्रशिक्षक से दोनों को अभ्यास करवाया। नौ लाख रुपये खर्च कर दोनों बहनों को ओलंपियन, विश्व चैंपियन खिलाडिय़ों के साथ खेलने का मौका दिया। तनिक्षा के पिता और शीतल के चाचा सोनू खत्री ने बताया कि नौ सितंबर-2020 को पेरिस गए थे और तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद देश लौटे। खेल बेहतर बनाने के लिए अच्छा प्रशिक्षण जरूरी है। इसी के बूते दोनों का वल्र्ड यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में चयन हुआ है।
2014 से पकड़ी तलवार
तनिक्षा के पिता व मधुबन पुलिस में हेड कांस्टेबल सोनू खत्री ने बताया कि 23 सितंबर 2003 को तनिक्षा का जन्म हुआ, जबकि शीतल का जन्म 10 नवंबर 2002 को हुआ। दोनों जूनियर व सीनियर मुकाबलों में अब तक 120 से अधिक पदक बटोर चुकी हैं। 14 वर्ष की उम्र में बहनों ने खेल अभ्यास शुरू कर दिया था। शीतल के पिता जोङ्क्षगद्र दलाल और माता नीलम का बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का सपना है। कोच अशोक खत्री, अनिल खत्री, सत्यवीर, विकास मोहित, कृष्ण और मुक्ति का ट्रेनिंग में विशेष सहयोग रहा है। अमृतसर के बीबीकेडीएवी वूमेन कालेज में प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही शीतल और तनिक्षा ने फेसिंग में दिन-रात मेहनत कर स्कूल से राष्ट्रीय स्तर तक मेडल जीते। अब दोनों ओलंपिक में गोल्ड जीतना चाहती हैं।
छोटी उम्र में ऊंची उड़ान
करियर की उड़ान भरते हुए तनिक्षा ने 30वीं सीनियर नेशनल फेसिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण, 25वीं जूनियर नेशनल फेसिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण, 26वीं जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण, एशियन कैडेट 2017 चैंपियनशिप अंडर-17 में स्वर्ण, 16वीं नेशनल कैडेट हैदराबाद अंडर-17वीं में स्वर्ण पदक हासिल किया। वहीं शीतल ने नेशनल सब जूनियर एस कैडेट नेशनल चैंपियनशिप अंडर 17 में स्वर्ण, इंटरनेशनल सैफ खेल 2019 में स्वर्ण, नेशनल सब-जूनियर एस कैडेट नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण, 29वीं सीनियर नेशनल फेसिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।