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श्रीराम, राधे श्याम को भेजते अधिकारियों की लोकेशन, इंफार्मेशन शेयर करने की लेते थे फीस Panipat News

अवैध खनन के जरिए राजस्व को चपत लगाने वाले माफिया जांच टीम की लोकेशन पहले ही शेयर कर देते थे। उन्होंने भगवान के नाम से वाट्सएप ग्रुप बना रखे थे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 04:13 PM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 04:14 PM (IST)
श्रीराम, राधे श्याम को भेजते अधिकारियों की लोकेशन, इंफार्मेशन शेयर करने की लेते थे फीस Panipat News
श्रीराम, राधे श्याम को भेजते अधिकारियों की लोकेशन, इंफार्मेशन शेयर करने की लेते थे फीस Panipat News

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। अवैध खनन व रॉयल्टी के नाम पर राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। अधिकारी भी अवैध धंधा करने वालों के सामने बेबस हैं, क्योंकि जैसे ही टीम ऐसे वाहनों पर कार्रवाई के लिए निकलती है। तुरंत उनकी लोकेशन शेयर हो रही है, जिससे बिना बिल के खनन सामग्री लेकर आ रहा वाहन चालक सचेत हो जाता है। ऐसे ही चार लोगों को एसटीएफ स्टाफ ने पकड़ा है। उनके मोबाइलों पर अलग-अलग नामों से बने वाट्सएप ग्रुपों में इन अधिकारियों की गाडिय़ों की लोकेशन डाली हुई थी। दैनिक जागरण ने काफी पहले ही इस खेल का पर्दाफाश किया था, लेकिन अधिकारी किसी को पकड़ नहीं सके थे। अब यह लोग पकड़े गए हैं। जगाधरी शहर थाने में इनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। थाना प्रभारी दिनेश चौहान ने बताया कि आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

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खनन निरीक्षक अश्विनी चौहान की ओर से दी गई शिकायत में बताया गया कि एसटीएफ स्टाफ चेकिंग पर था। जब चेकिंग पर निकले, तो जगाधरी बस स्टैंड पर स्विफ्ट कार खड़ी मिली। जिसमें चार लोग थे। इन्होंने आगे व पीछे की नंबर प्लेट भी तोड़ रखी थी। शक होने पर इनको पकड़ा गया। इनकी पहचान बीबीपुर निवासी उस्मान अली, मुरसलीन, अकरम व मुकारमपुर निवासी जब्बार के रूप में हुई। आरोपितों के मोबाइल में हलचल, साइलेंट व जय माता की नाम से ग्रुप बने हुए थे। जिसमें टीम की गाडिय़ों की लोकेशन शेयर की गई थी। यह ग्रुप भी लोकेशन देने के लिए बनाए गए थे। इन आरोपितों के पकड़े जाने पर टीम ने एक गाड़ी भी पकड़ी, जिसमें माल गतका था। बिल रेत का था। इस गाड़ी को भी इंपाउंड किया गया है। 

इन नामों से भी चल रहे अन्य ग्रुप 

हरिओम वन व टू, श्रीराम, राधे श्याम नाम से भी ऐसे ही ग्रुप चल रहे हैं। जो माइनिंग व आरटीए अधिकारियों की गाडिय़ों की लोकेशन शेयर करते हैं। इन ग्रुप में नंबर एड कराने के लिए भी फीस निर्धारित है। बताया जा रहा है कि हर सदस्य से दो हजार रुपए लिए जाते हैं। इन ग्रुपों में भी 200 से 250 लोग जुड़े हुए हैं। ग्रुप चलाने वाले लोग बड़े ही शातिर हैं। पुलिस, आरटीओ, एडीसी, एसडीएम, डीसी, एसपी, डीएफसी, खनन विभाग, इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स व एसआइटी टीम पर जितनी भी गाडिय़ां है। सभी के नंबर इनके पास हैं। मुखबिर की ड्यूटी भी सरकारी कर्मचारियों की तरह लगाई है। उनका एरिया भी तय है। एरिया के हिसाब से गाडिय़ों के नंबर दिए हुए है। जैसे ही अधिकारी की गाड़ी चलती है। उसके पीछे मुखबिर लग जाते हैं। सूचना ग्रुप पर शेयर कर देते हैं।

हरियाणा यूपी के लोग जुड़े हैं ग्रुप से

इन वाट्सएप ग्रुप में यमुनानगर के अलावा, पानीपत, सोनीपत, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पेहवा, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ, बिजनौर के लोगों को जोड़ा गया है। लोकेशन के बाद यदि किसी वाहन पर कार्रवाई होती है तो उनका जुर्माना ग्रुप चलाने वाले को अदा करना होता है। अधिकारियों पर निगरानी का काम पुलिस की सुस्ती और संबंधित विभाग की मिलीभगत से चल रहा है।


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