हैंडलूम बाजार में ये कैसा हंगामा, एसोसिएशन के सरपरस्त और सदस्य के बीच रार
चौधर को लेकर पानीपत के हैंडलूम एसोसिएशन में घमासान शुरू हो गया है। दो पक्ष आमने -सामने हैं। कार्यकारिणी भंग हो चुकी है। गेंद अब दुकानदारों के हाथ में हैं।
पानीपत, जेएनएन। ठंड में इन दिनों हैंडलूम बाजार दो वजहों से गर्माहट महसूस कर रहा है। एक ओर कंबलों की बिक्री तो दूसरी तरफ हैंडलूम एसोसिएशन की चौधर के लिए घमासान। एक तरफ कार्यकारिणी के सदस्य हैं तो दूसरी तरफ खुद सरपरस्त। अब देखना ये है कि दुकानदार किसके साथ जाते हैं।
हैंडलूम एसोसिएशन अमर भवन चौक में घमासान जारी है। एसोसिएशन में दो पक्ष आमने-सामने हैं। एक पक्ष में पुरानी कार्यकारिणी के 23 सदस्य शामिल हैं जबकि दूसरे में सरपरस्त शामिल हैं। दोनों ही पक्ष अपने पदों से त्याग पत्र दे चुके हैं। दोनों ही एक दूसरे को बर्खास्त कर चुके हैं। गेंद अब 210 दुकानदारों के पाले में है।
कार्यकारिणी को कर दिया बर्खास्त
16 जनवरी 2018 को जोगेंद्र नरूला को हैंडलूम एसोसिएशन के प्रधान घोषित किया गया। एसोसिएशन के कार्यकाल दो वर्ष के लिए होता है। नरूला को एक साल का समय दिया गया। समय पूरा होने से पहले ही 24 दिसंबर को नरूला की कार्यकारिणी को सरपरस्तों ने बर्खास्त कर दिया।
इधर, चारों सरपरस्त के खिलाफ कार्यकारिणी
दूसरी तरफ जोगेंद्र नरूला की 21 सदस्यीय कार्यकारिणी ने मीटिंग कर चारों सरपरस्त को बर्खास्त कर दिया। दोनों पक्षों की इस खींचातानी के बीच सरपरस्त हरदयाल सरदाना, राधेश्याम खुराना, चरण दास सेठी, अशोक बांगा ने हैंडलूम एसोसिएशन का चुनावी शेड्यूल जारी कर दिया। 28 जनवरी को चुनाव होना था। 20 से 22 जनवरी तक नामांकन दाखिल होने थे। इसी बीच सरपरस्तों ने 16 जनवरी को मीटिंग कर जोगेंद्र नरूला की कार्यकारिणी पर बाजार में गंदगी फैलाने का आरोप लगाते हुए दुकानदारों के नाम अपना त्यागपत्र दे दिया।
दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत
त्यागपत्र देते ही खींचातानी तेज हो गई। कुछ दुकानदारों ने सरपरस्तों को त्यागपत्र वापस लेने के लिए लिखा। 19 जनवरी को सरपरस्तों द्वारा मीटिंग बुलाई गई जिसमें त्यागपत्र वापस लेने की घोषणा की गई। दोनों पक्षों की तनातनी इतनी अधिक बढ़ गई दोनों पक्षों मारपीट तक की नौबत आ गई। मामले को बढ़ता देख चुनाव स्थगित कर दिए गए। छह महीने तक बाजार को अपने हाल पर छोड़ दिया गया। पूर्व प्रधान जोगेंद्र नरूला ने कहा कि उनकी कार्यकारिणी जो फैसला लेगी उन्हें मंजूर है।
तनातनी का कारण
दोनों पक्षों में तनातनी का कारण एक दूसरे को बर्खास्त करना है। सरपरस्त पूर्व कार्यकारिणी के सदस्यों को माफी मांगने के लिए कह रहे हैं। पूर्व कार्यकारिणी के सदस्य माफी मांगने को तैयार नहीं है। पूर्व प्रधान जोगेंद्र नरूला का कहना है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की। कार्यकारिणी को सरपरस्त बदलने का अधिकार है। हमने 31 मार्च तक के लिए समय मांगा था। हमें समय नहीं दिया गया। हमने त्यागपत्र दे दिया है। अब जो फैसला दुकानदार करें उन्हें मंजूर है। सरपरस्त अशोक बांगा से उनका पक्ष लेना चाहा, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।