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भगवान शालीग्राम के साथ तुलसी ने लिए सात फेरे

जागरण संवाददाता पानीपत बुधवार कार्तिक माह की देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह हुआ। म

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:50 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 06:50 AM (IST)
भगवान शालीग्राम के साथ तुलसी ने लिए सात फेरे

जागरण संवाददाता, पानीपत : बुधवार कार्तिक माह की देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह हुआ। मंदिरों में तुलसी और शालीग्राम (भगवान विष्णु) का विवाह हुआ। सूर्यास्त के समय भगवान शालीग्राम और तुलसी का विवाह करवाया गया। शालीग्राम की बारात निकाली गई। मंडप बनाकर तुलसी से शालीग्राम के फेरे करवाए गए। इसके बाद सामान्य विवाह की तरह विवाह गीत, भजन व तुलीस नामाष्टक सहित विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ किए गए। मंदिर ओम भगवते वासुदेवाय: नम: से गूंज उठे। कहा जाता है। तुलसी विवाह करवाने से दाम्प्त्य जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है।

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सनातन धर्म मंदिर माडल टाउन में धूमधाम से तुलसी विवाह हुआ

सनातन धर्म मंदिर माडल टाउन तुलसी विवाह बड़ी धूमधाम से मनाया गया। वर पक्ष के यहां से शालिग्राम भगवान की बारात लाएं। मोहित तलूजा उनका परिवार इस तुलसी विवाह में बारात बने। इसके बाद बारात ढोल नगाड़ों के साथ सनातन धर्म मंदिर माडल टाउन में पहुंची। जहां मंडप सजाया गया था। बारात के मंदिर पहुंचने के बाद वधु पक्ष सोनिया ग्रोवर व उनके परिवार ने बारात का स्वागत किया। इसके बाद मंदिर में ठाकुर जी का संकीर्तन हुआ। शालिग्राम भगवान और तुलसी माता का विवाह हुआ। पूरी विधि विधान से पंडित ने तुलसी के फेरे करवाए। इसके बाद ठाकुर का अटूट लंगर लगाया गया। तुलसी विवाह में मंदिर प्रधान तरुण गांधी, मनोहर लाल सेतिया, मोहित जग्गा, राजेश्वर गर्ग, शिव मल्होत्रा, सतीश मित्तल, करण सेठ, अमित भास्कर, राम रखा मनुजा, तरुण सोनी मौजूद रहे। यहां भी हुए कार्यक्रम

देवी मंदिर :

देवी मंदिर में तुलसी के शालीग्राम से देर शाम फेरे हुए। एक दिन पहले सगाई और मेहंदी की रस्म ठाकुर के चरणों में कई गई। उत्तम नगर में पंडित शिवदत्त शर्मा के घर से शालीग्राम की बारात निकली संकीर्तन करते हुआ बारात देवी मंदिर पहुंची। बारात का वधु पक्ष संदीप दिनेश, लव सिगला ने फैमली सहित स्वागत किया। इसके बाद विधि विधान से तुलसी के फेरे हुए। तुलसी विवाह में विमल बंसल, अमृत,सुदेश जिदल, पंडित कृष्णा, काकू बंसल परिवार सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे। विवाह के बाद विदाई कार्यक्रम हुआ। पंडित ने बताया कि तुलसी का एक नाम वृंदा भी है। वृंदा का विवाह राक्षस कुल मे हुआ। भगवान विष्णु ने तुलसी के राक्षस पति जलंधर का वध कर दिया था। इससे क्रोधित होकर वृंदा ने भगवान विष्णु का शाप दे दिया जिससे भगवान विष्णु पत्थर बन गए। तब शाप की मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु ने शालिग्राम का अवतार लेकर तुलसी संग विवाह किया था। तभी से हर वर्ष देवोत्थान एकादशी पर भगवान शालिग्राम और तुलसी का विवाह किया जाता है। इस दिन एकादशी का व्रत भी रखा जाता है। तुलसी विवाह करवाने वालों को कन्यादान जितना पुण्य मिलता है। शिव मंदिर:

सेक्टर 12 स्थित सनातन धर्म शिव मंदिर में शाम को तुलसी विवाह हुआ। महिलाओं ने विवाह गीत आए है। संकीर्तन किया। पुजारी ने विधिवत रूप से तुलसी विवाह करवाया।

मनकेश्वर नाथ मंदिर: मलिक एन्कलेव में मनकेश्वरनाथ मंदिर में तुलसी विवाह हुआ। पंडित यशोदानन्दन मिश्रा ने विधिवित रूप से तुलसी शालीग्राम का विवाह किया। मलिक एन्कलेव सेक्टर 25 के लोग विवाह में शामिल हुए संकीर्तन किया गया।


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