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अंबाला में पहले विकास के नाम पर दी पेड़ों की बलि, अब कूड़े के साथ समेटी जा रही इंटरलाकिंग टाइल

अंबाला में विकास के नाम पर पेड़ों की बली दी गई। सड़क को चौड़ा भी किया गया और उस पर टाइल्स लगाकर उसे अच्छा बनाया भी गया। लेकिन अब उन्हीं टाइल्स को उखाड़कर कूड़े के ढेर में तब्दील किया जा रहा है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 03:06 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 03:06 PM (IST)
अंबाला में पहले विकास के नाम पर दी पेड़ों की बलि, अब कूड़े के साथ समेटी जा रही इंटरलाकिंग टाइल
कूड़े के ढेर में तबदील हुई टाइल्स।

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। अंबाला में पहले तो विकास के नाम पर हरे-भरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई। ताकि वहां सड़क को खुला कर टाइल्स लगाई जाये। लेकिन अब इंटरलाकिंग टाइलें भी कूड़े में इकट्ठा की जा रही हैं। सड़क के किनारे इंटरलाकिंग टाइलें लगाकर उसे पक्का किया गया था ताकि सड़क चौड़ी हो सके। परंतु अब इन टाइलों को उखाड़ने का काम शुरू हो गया है। जिसमें रोजाना कूड़े के ढेर में इंटरलोकिंग टाइलों को इकट्ठा किया जाता है और इसके बाद उन्हें गाड़ी में लोड कर डंपिग प्वाइंट पर डाल दिया जाता है। जबकि इन टाइलों पर काफी राशि पानी की तरह बहायी गई थी।

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पहले पेड़ों को काटा अब टाइल्स उखाड़ी 

पुराने दिल्ली रोड को खूबसूरत बनाने के लिए पेड़ों की कटायी कर दी गई थी और उसकी जगह इंटरलाकिंग टाइल लगा दी थी। तीन साल पहले अंबाला शहर के पालीटेक्निक चौक से लेकर जंडली पुल तक पुराने अंबाला जगाधरी मार्ग के किनारे खड़े पेड़ों को काट दिया गया था। जबकि अंबाला शहर में सिर्फ इसी रोड पर पेड़ नजर आते थे। जिसमें कहा गया था कि इस जगह पर इंटरलोकिंग टाइलें लगायी जाएंगी और सड़क किनारे जो जगह है उसे पक्कर किया जाएगा। ताकि वाहनों और राहगीरों के लिए सड़क छोटी न रहे। इसमें पेड़ काटने के अलावा इंटरलोकिंग टाइल लगाने तक बेहद राशि को खर्च किया गया। इसके बाद इंटरलाकिंग टाइलें लगा भी दी गई।

कुड़े के ढेर में तबदील हो रही टाइल्स

अब इंटरलाकिंग टाइल्स को उखाड़ने का काम किया जा रहा है। इंटरलाकिंग टाइलों को सड़क किनारे से उखाड़ कर कूड़े के ढेर में मिलाया जा रहा है। जहां से रोजाना जेसीबी के जरिये गाड़ी में लोड किया जाता है और डंपिग प्वाइंट पर डाल दिया जाता है। ऐसे में कूड़ा उठाने की बजाए लाखों रुपये की राशि खर्च करके लगायी टाइलों को तो उखाड़कर राशि की बर्बादी की जा रही है। 


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