Move to Jagran APP

पानीपत में दर्दनाक हादसा, 22 गोवंश के टुकड़े करते हुए गुजर गई मालगाड़ी, 400 मीटर दूर जाकर रुकी

पानीपत में दर्दनाक हादसा हो गया। थर्मल में 22 गोवंश ट्रेन की चपेट में आ गए। ट्रेन 400 मीटर दूर जाकर रुकी। गोवंश के टुकड़े हो गए। कुछ गाय गर्भवती थीं। राजस्थान से गोवंश लेकर पानीपत आए थे गोपालक।

By Umesh KdhyaniEdited By: Updated: Sun, 23 May 2021 10:34 AM (IST)
Hero Image
पानीपत में ट्रेन से कटी गायों के शव युवाओं ने जेसीबी की मदद से जमीन में दफनाए।
पानीपत/थर्मल, जेएनएन। पानीपत के थर्मल में दर्दनाक हादसा हुआ। आसन खुर्द रेलवे स्टेशन के पास मालगाड़ी से कटकर 22 गोवंश की मौत हो गई। मालगाड़ी करीब चार सौ मीटर तक कुचलते हुए आगे चली गई। किसी तरह गाड़ी रुकी। कुछ गोवंश को बेहद मुश्किल से बाहर निकाला जा सका।

हर साल गर्मियों के दिनों में राजस्थान के गोपालक हजारों की संख्या में गोवंश लेकर चारे व पानी की तलाश में हरियाणा आते हैं। कुछ दिन बाद वापस राजस्थान चले जाते हैं। शनिवार दोपहर 12:40 बजे आसन खुर्द रेलवे स्टेशन के पास हादसा हो गया। प्रत्यक्षदर्शी मजदूर बसंत ने बताया कि वह रेलवे लाइन से कुछ ही दूरी पर बने मछली तालाब पर मजदूरी करता है। राजस्थान के गोपालक लगभग 250 गोवंश की टोली लेकर आए थे। गोवंश को रेलवे लाइन के नजदीक खेतों में घूम फिर कर चारा खिला रहे थे। 

मालगाड़ी के हॉर्न से मची अफरा-तफरी

दोपहर 12:40 बजे पानीपत से एक मालगाड़ी आ रही थी। एक गोपालक रेलवे ट्रैक की ओर खड़े गोवंश ट्रैक से दूर करने लगा। मालगाड़ी चालक ने दूर से हॉर्न बजाया। आवाज से गोवंश में अफरा तफरी मच गई। अचानक सारे गोवंश दौड़कर पटरी को पार करने लगे। गोवंश की टोली काफी लंबी थी। इतनी देर में मालगाड़ी गोवंश के नजदीक पहुंच गई और गोवंश के टुकड़े करते हुए लगभग 400 मीटर आगे जाकर रुकी। हादसे के सूचना मिलते ही ग्रामीण व गोभक्त मौके पर पहुंच गए। सभी ने मिलकर इंजन व गाड़ी के नीचे फंसे गोवंश को खींचकर बाहर निकाला। गोभक्तों ने जेसीबी की मदद से गोवंश को मिट्टी में दबाया। 

रेलवे पुलिस करेगी कार्रवाई

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय थर्मल चौकी इंचार्ज एसआइ हरविंदर सिंह, मतलौडा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मनजीत सिंह व रेलवे पुलिस के सब इंस्पेक्टर रामनिवास पहुंचे। मतलौडा थाना प्रभारी मनजीत सिंह ने बताया कि मामला रेलवे का है। इसलिए रेलवे विभाग ही कार्रवाई करेगा। वहीं रेलवे विभाग के सब इंस्पेक्टर रामनिवास ने बताया कि मामले के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जांच के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।

एक गोवंश की बची जान

सूचना मिलते ही लगभग सवाल एक बजे पशुपालन विभाग के वेटरनरी सर्जन डॉक्टर टीम के साथ मौके पर पहुंचे। ट्रेन की टक्कर से एक गोवंश कुछ दूरी पर पानी में जा गिरा। बुरी तरह से घायल हो गया था। चिकित्सकों ने तुरंत उसे उपचार देकर उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

हादसे के बाद बेसुध हुआ गोपालक

गोपालक गायों को दिन-रात अपने बच्चों की तरह साथ रखते थे। पूरा दिन उनके साथ ही घूमते और अंधेरा होने पर उनके साथ ही सो जाते थे। गोवंश भी अपने गोपालक के इशारे पर चलते हैं। देखते ही देखते उनकी आंखों के सामने गोवंश के टुकड़े टुकड़े हो गए। गोवंश की यह दुर्दशा देख गोपालक रोने लगे। एक तो बेहोश होकर गिर गया। रेलवे की कार्रवाई के डर से सभी गोपालक वहां से चले गए। 

रेलवे की लापरवाही से हुआ हादसा : आजाद आर्य

गोरक्षा दल हरियाणा के प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद सिंह आर्य ने बताया कि ट्रेन ड्राइवर की लापरवाही से ही इतना बड़ा हादसा हुआ है। अगर ड्राइवर चाहता तो गाड़ी को पहले ही रोक सकता था। इसी जगह पर लगभग छह साल पहले भी ट्रेन की चपेट में आने से इसी तरह लगभग 25 गोवंश की जान चली गई थी। ग्रामीण बस्ती के पास ट्रैक के दोनों ओर रेलिंग करने की मांग की थी। 

सांसद से करेंगे रेलिंग लगाने की मांग : सुनील परढ़ाना

मौके पर पहुंचे भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुनील परढ़ाना ने बताया कि गो रक्षा दल की टीम ने मिलकर चार गो तस्करों को 22 गोवंश सहित पकड़ा था। गोवंश को गो तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर वापस लौट रहे थे तभी यहां पर हादसा होने की सूचना मिली। उन्होंने कहा कि वह करनाल से सांसद संजय भाटिया से मिलकर यहां ग्रामीण बस्ती के नजदीक ट्रैक के दोनों और रेलिंग की मांग करेंगे।

गाय को दबाने में लगे चार घंटे

गांव आसन खुर्द वासी गो भक्त पवन चौहान ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद ग्रामीण युवा मौके पर पहुंच गए थे। जेसीबी की मदद से सभी गोवंश को मिट्टी में दबाया गया। गोवंश को दबाने में लगभग चार घंटे लगे। ग्रामीण राजेश तंवर ने बताया कि गांव में बहुत बड़ा दर्दनाक हादसा हुआ है। हादसे में मरने वाली कई गाय तो गर्भवती थी।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।