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अनिल विज के जिले में थाने को नहीं मिल पा रही जमीन, निगम ने किया इंकार

गृहमंत्री अनिल विज के जिले में ही ट्रैफिक पुलिस स्टेशन के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। एसपी ने मामले पर कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है। निगम आयुक्त ने कहा कि प्राइम लोकेशन के चलते जमीन नहीं दी जा सकती।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 19 Dec 2021 05:18 PM (IST)Updated: Sun, 19 Dec 2021 05:18 PM (IST)
अनिल विज के जिले में थाने को नहीं मिल पा रही जमीन, निगम ने किया इंकार
अंबाला में ढाबे की जमीन में चल रहा वर्तमान ट्रैफिक थाना।

अंबाला, [उमेश भार्गव]। गृहमंत्री अनिल विज के जिले में ही जिला ट्रैफिक थाने के लिए जमीन नहीं मिल पा रही। तीन साल एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय तक फाइल चलती रही। इतना ही नहीं आखिर में सभी विभागों से मंजूरी मिलने के बाद नगर निगम ने जमीन देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। लिहाजा अब ट्रैफिक थाने की यह फाइल कागजों में ही दफन हो गई है। बता दें कि यह फाइल एसपी अभिषेक जोरवाल के समय में चली थी और एसपी हामिद अखतर के समय में अंतिम चरण् तक पहुंची जिसे अब बंद कर दिया गया है। अलबत्ता अभी जिला ट्रैफिक थाना मात्र चार कमरों में ही चलता रहेगा।

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क्यों किया नगर निगम ने जमीन देने से इनकार

ट्रैफिक थाने के लिए जमीन तलाशाने के बारे में डीसी अंबाला ने सितंबर 2018 में नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा था। दिसंबर 2018 में नगर निगम ने अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर गांव काकरू के पास 14 कनाल 12 मरले जमीन प्रस्तावित कर दी थी। साथ ही पुलिस को पत्र लिखकर जवाब मांगा था कि क्या आप इस जमीन के लिए संतुष्ट हैं या नहीं? इस पर पुलिस ने हामी भर दी। इसके बाद पुलिस महकमे की ओर से 14 बार नगर निगम को पत्र लिखकर जमीन ट्रांसफर करने का आग्रह किया लेकिन अब नगर निगम ने यह कहकर जमीन देने से इनकार कर दिया है कि जो जगह चयनित की गई है वह प्राइम लोकेशन पर है उसे थाने के लिए नहीं दिया जा सकता। यदि यह जमीन नहीं दी जा सकती थी तो तीन साल पहले नगर निगम ने क्यों यह जगह प्रस्तावित की थी? इसका जवाब खुद नगर निगम के अधिकारियों के पास भी नहीं है।

हाईवे पर ही बनाया जा सकता है थाना

ट्रैफिक थाने की बात करें तो इसे केवल हाईवे पर ही बनाया जा सकता है। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस को मुख्य राज्यमार्ग पर यातायात संचालन की व्यवस्था सुचारू रखनी होती है। ऐसे में जमीन जहां भी देखी जाएगी वह प्राइम लोकेशन ही होगी। यदि इसी तरह तीन साल चलकर फाइलें बंद होती रही तो ट्रैफिक थाना बनना संभव नहीं है।

आठ साल से ढाबे की जमीन में चल रहा है ट्रैफिक थाना

काकरू में बनने वाले प्रस्तावित ट्रैफिक थाने के लिए केवल जमीन की निशानदेही का कार्य ही रह गया था। इसके लिए तत्कालीन जिला यातायात प्रभारी ने खुद नगर निगम में कई बार चक्कर काटे लेकिन नगर निगम अधिकारियों के आगे पुलिस की एक न चली। बता दें कि करीब आठ साल पहले मोहड़ा में ढाबे की जमीन में ट्रैफिक थाना खोला गया था। तब से लेकर किराये की इस जमीन पर ही जिला ट्रैफिक थाना चल रहा है।

प्राइम लोकेशन होने की वजह से नहीं दी जमीन

नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि पुलिस ने जिस जमीन पर ट्रैफिक थाना प्रस्तावित किया था वह प्राइम लोकेशन है। इसीलिए वहां पर हम पुलिस को जमीन नहीं दे सकते। इस बारे में पुलिस को बता दिया गया है। यदि पुलिस किसी अन्य जगह पर जमीन बताएगी तो उसपर विचार किया जाएगा।

फाइल को बंद किया गया

ट्रैफिक थाना प्रभारी जोगिंद्र सिंह ने बताया कि नगर निगम ने काकरू में जमीन देने से इनकार कर दिया है। इसीलिए मजबूरी में उस फाइल को हमें बंद करना पड़ा है। अब दूसरी जगह तलाशी जा रही है।

नगर निगम ने आखिर में जमीन देने से इंकार किया

अंबाला एसपी जश्नदीप सिंह ने बताया कि काकरू में जमीन प्रस्तावित की गई थी। इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। यदि जगह तलाश ली गई थी और नगर निगम ने आखिर में जमीन देने से इनकार किया है तो इसके बारे में भी पता किया जाएगा।


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