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Tokyo Olympics: कप्‍तान रानी रामपाल के माता-पिता ने भूखे रहकर देखा हॉकी मैच, बोले- इतिहास की दहलीज पर पहुंचेंगी बेटियां

ओलिंपिक में इंडिया और अर्जेंटीना के सेमीफाइनल मैच के दौरान कप्‍तान रानी रामपाल के माता पिता टीवी के सामने डटे रहे। भूखे रहकर दोनों ने बेटी का मैच देखा। इस दौरान कई बार भावुक भी दिखे। पिता ने कहा टीम मैच हारी है हौसला नहीं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 09:26 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 09:34 AM (IST)
भारतीय महिला हॉकी टीम का मैच देखते रानी रामपाल के पिता।

शाहाबाद (कुरुक्षेत्र), [जतिन्द्र सिंह चुघ]। हार कर भी बेटियों ने सवा सौ करोड़ देशवासियों का दिल जीता है, बेटियों ने पूरे मैच में कांटे की टक्कर दी है और आज तक का सबसे बेहतरीन खेल खेला है। ये कहना है कि महिला हॉकी टीम की कप्‍तान रानी के पिता रामपाल का। उन्‍हाेंने कहा कि मैं हार्ट पेशेंट जरूर हूं लेकिन आज बेटियों के उम्‍दा प्रदर्शन को देखकर मेरा दिल मजबूत हुआ है। दावा है कि ब्राउंज मेडल के लिए खेला जाने वाला मैच इंडिया के नाम होगा।

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ओलिंपिक में इंडिया और अर्जेंटीना के सेमीफाइनल मैच के बाद रामपाल ने पत्रकारों से बातचीत की। हालांकि मैच के बाद कुछ क्षणों के लिए रामपाल भावुक अवश्य हुए। इसके बाद उन्होंने हौंसले से कहा कि बेटियां मैच हारी हैं हिम्‍मत नहीं, अवश्य ही यह टीम ब्राउंज मेडल जीत कर हॉकी की दुनिया में नया अध्याय लिखने का काम करेंगी।

Navneet And Rani Rampal

रामपाल ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार व पड़ोसियों के साथ पूरा सेमीफाइनल मैच देखा और मैच का एक-एक क्षण चौंका देने वाला था कि क्योंकि देश की बेटियों ने विरोधी टीम को कांटे की टक्कर दी और लाजवाब खेल खेला। रामपाल ने कहा कि इस मैच से भी भारतीय टीम को सीखने के लिए मिला है और यही सीख बेटियों को इतिहास की दहलीज तक पहुंचाएगी।

Rani Rampal Family

कप्तान रानी की माता राममूर्ति ने भी बेटियों को ब्राउंज मेडल जीतने का आर्शीवाद दिया और कहा कि उन्हें फर्क हैं कि बेटियों ने उम्‍दा खेल का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि हॉकी की इन बेटियों में फौलाद का हौंसला है और वह एक नये हौंसले के साथ ब्राऊंज मेडल के लिए मैदान में उतरेंगी।

मैच को लेकर सुबह से भूख रहे रानी के माता-पिता

भारतीय महिला हॉकी टीम का सेमीफाइनल मैच बुधवार को दोपहर 3.30 बजे शुरू होना था। जिसे लेकर कप्तान रानी के माता-पिता रामपाल व राममूर्ति में इतना चाव था कि उन्होंने सुबह से खाना ही नहीं खाया और भूखे पेट ही मैच देखा। पिता रामपाल ने कहा कि सुबह से लेकर मैच की शुरुआत तक उन्होंने कईं गिलास पानी का ही सहारा लिया। क्योंकि मैच की सोच ने भूख लगने ही नहीं दी। फिर भूखे पेट ही टीवी के आगे बैठ गये और मैच के अंत तक दोनों ने आंखे टीवी पर गढाए रखी। मैच के खत्म होने के करीब आधे घंटे के पिता रामपाल ने पानी पीकर सूखे गले को तर किया और करीब एक घंटे के बाद रामपाल व राममूर्ति ने चाय ली। शुरूआती दौर में भारतीय टीम ने जो गोल किया तो उससे खुशी का माहौल बन गया लेकिन मैच के अंत का परिणाम बेशक हार रही हो लेकिन रानी के पिता ने कहा कि ब्राउंज अभी बाकी है जो प्रतिशत भारत की झौली में होगा।

आज की अंपायरिंग रानी रामपाल के पिता ने उठाए सवाल

कप्तानी रानी के पिता ने कहा कि वह सेमीफाइनल मैच की अंपायरिंग निर्णयों से खुश थे लेकिन उन्होंने इससे पहले आस्ट्रेलिया के साथ खेले गये मैच में कहीं न कहीं अंपायरिंग पर सवालिया निशान लगाया। कप्तान के पिता ने कहा कि आज का दिन भी इतिहास से कम नहीं है क्योंकि आज पहली बार बेटियां सेमीफाइनल मैच खेली हैं और अगले मैच में साकारात्मक परिणाम अवश्य मिलेंगे।

फोन पर बातचीत कर बेटी को दूंगा जीत का आशीर्वाद

रानी के पिता रामपाल ने कहा कि जब तक वह बेटी से बात नहीं कर लेते उन्हें चैन नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि कुछ समय के अंतराल में जब उनकी बात बेटी से बात होगी तो वह बेटी को ब्राउंज मेडल के लिए जीत का आशीर्वाद देंगे। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक 2020 का आज का मैच यादगारी व ऐतिहासिक रहेगा।

नवजोत के माता-पिता को बेटियों के बढिय़ा खेल पर नाज

ओलंपियन नवजोत कौर के माता-पिता को भी बेटियों के बढिय़ा खेल पर नाज है। उन्होंने कहा कि जो टीम खेलती हैं तो एक की हार निश्चित है लेकिन उनकी बेटियों ने इतना बढिय़ा खेल खेला की वह हार के भी जीत गई हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों को अब ब्राउंज मेडल के लिए लड़ाई लडऩी है और अवश्य ही वह मैच ऐतिहासिक होगा और कांस्य पदक देश की झोली में होगा।


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