तोड़ो-फोड़ो और जोड़ो..करियर के लिए मन की सुनो
पढ़ाई और करियर को लेकर युवाओं के मार्गदर्शन के लिए दैनिक जागरण पानीपत की ओर से वीरवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. भगवान सिंह चौधरी ने युवाओं को गुरुमंत्र दिए। विद्यार्थियों ने कक्षा 12 के बाद करियर के चुनाव को लेकर सबसे अधिक सवाल पूछे। अधिकतर युवा सिविल सर्विस और सीएम क्षेत्र में करियर बनाने को उत्सुक दिखे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : पढ़ाई और करियर को लेकर युवाओं के मार्गदर्शन के लिए दैनिक जागरण, पानीपत की ओर से वीरवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार एवं जियोफिजिक्स विभाग के चेयरपर्सन डा. भगवान सिंह चौधरी ने युवाओं को सफलता के मंत्र दिए। विद्यार्थियों ने कक्षा 12 के बाद करियर के चुनाव को लेकर सबसे अधिक सवाल पूछे। अधिकतर युवा सिविल सर्विस और सीए क्षेत्र में करियर बनाने को उत्सुक दिखे। 80 फीसद विद्यार्थी पढ़ाई व अन्य गतिविधियों के बीच टाइम मैनेजमेंट को लेकर आशंकित रहे। डॉ. बीएस चौधरी ने युवाओं का मार्गदर्शन किया। वेबिनार के लिए 78 विद्यार्थियों, अभिभावकों व शिक्षकों ने पंजीकरण कराया था।
ऑटोमोबाइल में रूचि रखते हैं बच्चे
आर्य बाल भारती स्कूल की प्रधानाचार्य रेखा शर्मा ने कहा कि स्कूल के बच्चे ऑटोमोबाइल की ओर आकर्षित हो रहे हैं, स्कूल के बाद उन्हें क्या करना चाहिए। डॉ. बीएस चौधरी ने कहा कि आज बच्चों की रूचि बदल रही है। पहले करियर के रूप में ऑटोमोबाइल सुनने में नहीं आता था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। अपनी रूचि के अनुरूप करियर चुनेंगे तो बेहतर परिणाम लिये जा सकते हैं। ऐसे बच्चों को तोड़ो-फोड़ो और जोड़ो की तर्ज पर रिसेंबल खिलौने उपलब्ध कराएं। स्कूल के बाद मैकेनिकल या इलेक्ट्रानिक्स से ग्रेजुएशन करें। फाइनआर्ट कहां से करें
शिक्षक और अभिभावक बलकार सिंह ने फाइनआर्ट के लिए बेहतर संस्थान के संबंध में पूछा। डा. बीएस चौधरी ने फाइनआर्ट के लिए कुरुक्षेत्र विवि समेत दिल्ली विवि, जेएनयू और बंगलुरू स्थित विश्वविद्यालयों को बेहतर बताया। वह अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से संस्थान का चुनाव कर सकते हैं।
सिविल सर्विस की कब से शुरू करें तैयारी
दयाल सिंह स्कूल की कक्षा 12 की छात्रा सलौनी सिविल सर्विस में जाना चाहती हैं। उन्होंने पढ़ाई के साथ इसकी तैयारी के संबंध में पूछा। विशेषज्ञ ने ग्रेजुएशन से ही सिविल सर्विस की तैयारी शुरू करने की सलाह दी। उन्होंने सेल्फ स्टडी को बेहतर बताते हुए कोचिग न लेने की सलाह दी। इकोनोमिक्स में करियर विकल्प
बीए की छात्रा वानीकि इकोनोमिक्स से ऑनर्स कर रही हैं। इसके बाद करियर संबंधी सवाल पर डा. बीएस चौधरी ने बताया कि इकोनोमिक्स से ग्रेजुएशन के बाद विकल्पों का भंडार है। इसके बाद शिक्षण, बैंकिग और सिविल सर्विस मुख्य विकल्प हैं।
स्पेस रिर्सच में स्कोप
डीएवी की शिक्षिका डिपल ने स्पेस रिसर्च में स्कोप के संबंध में पूछा। उन्होंने बताया कि उपग्रह दो तरह के होते हैं। एक पब्लिक इंटरनेट या मीडिया और दूसरा रिमोट सेंसर सैटेलाइट होता है। स्पेस रिसर्च में बीटेक के लिए इसरो और विशाखापत्तनम के शिक्षण संस्थान बेहतर हैं, जो बैचलर डिग्री प्रदान करते हैं। इसके बाद विदेश से बेहतर डिग्री हासिल की जा सकती है और करियर की असीम संभावना है।
विदेश से इवेंट मैनेजमेंट कोर्स कैसे करें
बाल विकास प्रोग्रेसिव स्कूल की महप्रीत कौर ने 12वीं के बाद इवेंट मैनेजमेंट कोर्स के संबंध में सवाल किया। डॉ. बीएस चौधरी ने बताया कि 12वीं के बाद डिप्लोमा इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन एंड अकाउंटिग का कोर्स किया जाता है। कनाडा और अमेरिका के शिक्षण संस्थानों से यह कोर्स बहुत महंगा है, लेकिन जर्मनी में कुछ शिक्षण संस्थान पब्लिक फंडिग हैं, जो पढ़ाई के हिसाब से अनुकूल हैं। इस कोर्स के बाद करियर के कई रास्ते खुल जाते हैं।
एमबीबीएस पसंद पर आर्थिक स्थिति कमजोर
गुरु गोबिद सिंह स्कूल की मीत ने कहा कि वह एमबीबीएस करना चाहती है, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसपर विशेषज्ञ ने कहा कि इसके लिए कोई छात्रवृत्ति योजना तो नहीं है, लेकिन नीट पास करके सरकारी संस्थानों में प्रवेश पाया जा सकता है। इसके अलावा बैंकों से एजुकेशन लोन लिया जा सकता है।
सिविल सर्विस की तैयारी कैसे करें
डीएवी पुलिस लाइन की 12वीं की छात्रा हर्षिल ने सिविल सर्विस की तैयारी के संबंध में पूछा। डॉ. बीएस चौधरी ने कहा कि सिविल सर्विस के लिए जो विषय आप अब तक पढ़ते आए हैं, उन्हीं का कांबिनेशन चुनें। 12वीं के आद ऑनर्स में अपनी रूचि का विषय लेकर उसपर फोकस रखें और कम्युनिकेशन स्किल पर काम करें।
11वीं में ही बिजनेस में रूचि है, क्या करें
सृष्टि सिगला ने पूछा कि उनका बेटा कॉमर्स से 11वीं का छात्र है और बिजनेस करना चाहता है। इसपर विशेषज्ञ ने कहा कि बिजनेस करने की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन किसी क्षेत्र में डिग्री अपना महत्व रखती है। वह बिजनेस संबंधी कोर्स के साथ बिजनेस शुरू कर सकता है।
आधा घंटा जरूर करें शारीरिक गतिविधि
वेबिनार के दौरान 80 फीसद विद्यार्थी टाइम मैनेजमेंट को लेकर चितित दिखे। डॉ. बीएस चौधरी ने बताया कि कुछ को सुबह तो कुछ को शाम का समय अधिकतम उत्पादकता देने वाला लगता है। उसी के हिसाब से पढ़ाई के लिए अपना समय निर्धारित करें, लेकिन पढ़ाई के साथ 24 घंटे में आधा घंटा नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करें। कोई भी कार्य लगातार 30 दिन तक करने के बाद वह आदत बन जाता है। पढ़ाई के बीच शारीरिक गतिविधि अत्यधिक जरूरी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के कारण आज शरीर के स्थान पर अंगूठा कई किलोमीटर का सफर तय कर लेता है। यह शरीर के साथ पढ़ाई और करियर को प्रभावित कर रहा है। सोशल मीडिया का समय भी निर्धारित करें।