Haryana Assembly Election 2019 : सबसे हॉटसीट बनी कैथल, इस चुनौती से पार पाने की जिद्दोजहद कर रहे सुरजेवाला
उत्तर हरियाणा की कैथल सीट इन दिनों चर्चा में है। यहां से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला और भाजपा प्रत्याशी लीलाराम के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।
पानीपत/कैथल, [सुरेंद्र सैनी]। कैथल उत्तर हरियाणा की सबसे हॉटसीट मानी जाती है। यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला मैदान में है। दूसरी तरफ भाजपा ने इसी सीट से विधायक रह चुके लीलाराम को मैदान में उतारकर सुरजेवाला के सामने बड़ी चुनौती पेश की है। सन 2004 से इस सीट पर सुरजेवाला परिवार का कब्जा है। 2004 में पहली बार चुनाव लड़ते हुए पूर्व सिंचाई मंत्री शमशेर सिंह सुरजेवाला यहां से विधायक बने थे, इसके बाद 2009 व 2014 में रणदीप सिंह सुरजेवाला यहां से चुनाव जीते।
पिता-पुत्र ने तीनों बार इनेलो प्रत्याशी कैलाश भगत को हराया। 2004 व 2009 के चुनाव में तो भाजपा प्रत्याशी जमानत तक नहीं बचा पाए थे, 2014 के विस चुनाव में जरूर 38 हजार से ज्यादा वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे। सुरजेवाला इस बार चुनाव जीते तो हैटिक लगाने में सफल रहेंगे, अगर हारे तो सियासी करियर पर गहरा असर पड़ेगा, क्योंकि इसी साल जींद विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव मैदान में उतरे रणदीप सिंह सुरजेवाला को हार का सामना करना पड़ा था। दोनों प्रत्याशियों के पास राजनीति का लंबा अनुभव है। जहां रणदीप सिंह सुरजेवाला अब तक सात चुनाव लड़ चुके हैं और सन 2004 में पूर्व सीएम चौटाला को हरा चुके हैं, वहीं छात्र राजनीति से निकले भाजपा प्रत्याशी लीला राम इस बार तीसरा चुनाव लड़ रहे है, एक बार विधायक रह चुके हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का ग्राफ बढ़ा
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जिस तरह से कैथल विधानसभा क्षेत्र में 56 हजार 180 वोटों से जीत दर्ज की है, उससे कांग्रेस का ग्राफ गिरा है। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा ने यहां से 20 हजार की लीड की थी, लेकिन रणदीप सिंह सुरजेवाला इसे कवर करने में सफल रहे थे और साढ़े 23 हजार वोटों से कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। बढ़त के बावजूद भाजपा का प्रत्याशी तीसरे नंबर पर पिछड़ गया था। इसस सीट पर जजपा ने खुराना गांव के मौजूदा सरपंच रामफल मलिक को मैदान में उतारकर कांग्रेस व भाजपा के समीकरण बिगाड़ दिए हैं।
2014 के विधानसभा चुनाव में रणदीप सिंह सुरजेवाला का वोट प्रतिशत 43.19 प्रतिशत, इनेलो प्रत्याशी रहे कैलाश भगत का 27.58 प्रतिशत व भाजपा के प्रत्याशी रहे राव सुरेंद्र सिंह का 25.16 प्रतिशत मतदान रहा था, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना करें तो कैथल जिले में भाजपा के वोटबैंक में इस बार लोकसभा चुनाव में 74.58 प्रतिशत तक बढ़ा।
पिछले चुनाव में बीजेपी को चारों विधानसभाओं से कुल 1 लाख 73 हजार 176 वोट मिले थे, जो इस बार भाजपा प्रत्याशी के खाते में जिले से 302347 वोट गए हैं। इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान इनेलो को हुआ था और वह वोटों की संख्या देखें तो बसपा से भी पीछे चला गया था। इस बार चौटाला परिवार में बिखराव हो चुका है।