कल तक जो मांगते थे भीख, वो अब जाएंगे स्कूल
राजेश कुमार, यमुनानगर स्लम एरिया में रहने वाले जो बच्चे कल तक सड़कों पर भीख मांगते और कूड़ा बीनते थ
राजेश कुमार, यमुनानगर
स्लम एरिया में रहने वाले जो बच्चे कल तक सड़कों पर भीख मांगते और कूड़ा बीनते थे वो अब स्कूलों में एबीसी पढ़ेंगे। स्लम एरिया में रहने वाले 136 बच्चों को स्कूल भेजने का जिम्मा उठाया है श्री सेवा संस्थान ने। आगामी शैक्षणिक सत्र से सभी बच्चे स्कूल में जाना शुरू कर देंगे। इतना ही नहीं इन बच्चों को वर्दी, स्कूल बैग, किताबें भी संस्थान के वालंटियर ही अपनी जेब से बच्चों को उपलब्ध करवाएंगे। पहले पढ़ते थे दो घंटे, अब पूरा दिन पढ़ेंगे
श्री सेवा संस्थान के महासचिव अभिषेक शर्मा का कहना है कि उनकी संस्था से एक साल में 1600 वालंटियर जुड़े हैं। दो-दो के ग्रुप में वालंटियर हर रोज 600 बच्चों को दो घंटे स्लम एरिया में जाकर मुफ्त पढ़ाई करवाते हैं। इसी दौरान आइडिया आया कि हर रोज दो घंटे पढ़ाने की बजाय यदि इन बच्चों का दाखिला स्थायी रूप से स्कूल में करवा दिया जाए तो उनका भविष्य संवर जाएगा। इसके लिए सभी वालंटियर ने सलाह मश्विरा करने के बाद बच्चों का दाखिला स्कूल में कराने का निर्णय लिया। अब तक 136 बच्चों को उनके माता-पिता से बातचीत करके स्कूल में दाखिला लेने के लिए तैयार कर लिया है। इनमें से 17 बच्चों का दाखिला प्राइवेट व अन्य का नजदीकी राजकीय स्कूल में करवाया जाएगा। जन्म दिन पर दी वर्दी व किताबें
स्कूल जाने वाले सभी बच्चों को किताब, वर्दी, बैग, लंच बाक्स, कॉपी सारा सामान संस्थान की तरफ से ही दिया जाएगा। इसकी शुरुआत संस्थान के महासचिव अभिषेक शर्मा के जन्म दिन से की। 20 मार्च को अभिषेक ने अपने जन्म दिन पर 50 बच्चों को वर्दी व किताबें दी। संस्था के दूसरे वालंटियर भी अपना जन्म दिन इनके साथ मनाने लगे हैं। श्री सेवा संस्थान से जुड़े अफजल अली, गौरी राणा, सुमित धीमान, जोनी धीमान, अंजना शर्मा, नीलू ने बताया कि इन बच्चों के साथ समय बीताना उन्हें खुशी देता है। जरूरतमंदों को रक्त भी उपलब्ध करवा रही संस्था
संस्थान के वालंटियर समाज सेवा से जुड़े अन्य काम भी करवा रहे हैं। बीमार व जरूरतमंद लोगों को पूरे प्रदेश में वालंटियर की मदद से रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है। एक साल में 498 यूनिट रक्त लोगों को चढ़वा चुके हैं। जबकि एक साल के भीतर वालंटियर 1966 यूनिट रक्तदान भी कर चुके हैं। संस्था के साथ एमएलएन कॉलेज व डीएवी गर्ल्स कॉलेज से 400 छात्राएं भी जुड़ी हैं। इसके अलावा जो बुजुर्ग लोग अपने बच्चों से दूर अकेले रहते हैं उन्हें दो वक्त का टिफिन संस्था के सदस्य मुफ्त उपलब्ध करवा रहे हैं। फिलहाल 17 बुजुर्गों को अन्नपूर्ण योजना के तहत भोजन दिया जा रहा है। अस्पतालों में भर्ती जिन मरीजों के साथ उनके परिवार वाले रहना पसंद नहीं करते उनके साथ संस्था के वालंटियर खुद रहते हैं। इसके लिए अस्पतालों में हेल्पलाइन नंबर वाले पंपलेट लगाए गए हैं।