लंदन में 'गंगा' का दर्द बयां करेगी ये कहानी, जानिए 'शिव' का 'राज'
जींद के गांव झांझ के रहने वाले शिवराज की पहली फीचर फिल्म लंदन फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाएगी। इसमें गंगा के प्रति दायित्वों को उजागर किया गया है।
पानीपत/जींद, जेएनएन। गंगा नदी की दुर्दशा के जिम्मेदारों के लिए ये सिर्फ एक कहानी होगी, लेकिन आम लोगों की आंखे खोलने के लिए शिव का प्रयास सराहनीय है। जींद के युवा शिवराज गोयत की पहली फीचर फिल्म 'तू तो है बस एक किरदार' का चयन लंदन के लिफ्ट ऑफ फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ है। यह फिल्म गंगा पर केंद्रित है, जिसकी ज्यादातर शूटिंग प्रयागराज में हुई है।
मुंबई से फोन पर जींद के गांव झांझ के निवासी शिवराज ने दैनिक जागरण को बताया कि उनकी फिल्म का चयन फस्र्ट टाइम फिल्म मेकर्स की कैटेगरी में हुआ है। उम्मीद है कि यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही जाएगी। शिवराज ने बताया कि बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्मों में सिर्फ कॉपी-पेस्ट है, लेकिन वह दूसरों से अलग करने चाहते हैं और इस क्रम में पहली ही फीचर फिल्म का चयन अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में होने से उन्हें संतोष मिला है।
गंगा कितनी पवित्र है
शिवराज के मुताबिक फिल्म में बताया गया है कि गंगा हमारे लिए कितनी पवित्र है और उसी में हम गंदगी फैलाते हैं। इससे कई जगह गंगा का रंग काला व हरा हो गया है। फिल्म में संदेश दिया गया है कि हमारी भी जिम्मेदारी है कि गंगा को साफ रखें। शिवराज की इच्छा हरियाणवी सिनेमा को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की है।
फादर्स डे पर बनाई शॉर्ट फिल्म
शिवराज गोयत ने बताया कि उन्होंने कृष्णा सोनी और पम्मी मोटन को लेकर फादर्स डे के लिए शॉर्ट फिल्म बनाई है। इस फिल्म में दिखाया है कि घर में कमाने वाला सदस्य अपने बच्चों, पत्नी व मां-बाप के लिए रोज कुछ न कुछ लेकर आता है, लेकिन उसके लिए कोई कुछ नहीं लाता। फादर्स डे पर बच्चे अपने पिता की बचपन पसंद की चीज लाते हैं और पिता को गिफ्ट करते हैं। इस सीन में दिखाया है कि हर इंसान में बच्चा छिपा होता है। सिर्फ जिम्मेदारियों के बोझ तले बड़े हो जाते हैं। फादर्स डे पर हमें अपने पिता के लिए कुछ ऐसा करना चाहिए जो उनकी बचपन की इच्छा हो।
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