बस स्टैंड परिसर में जगह पड़ रही कम, आउट गेट से बसों को निकलने में हो रही परेशानी
डिपो में जब से प्राइवेट बस व रोडवेज की बसें बूथ पर लगनी शुरू हुई हैं जगह काफी कम पड़ रही है। इससे डिपो के आउट गेट से समय पर बसें नहीं निकल पाती। कई बार बसें बीच में ही फंस जाती हैं। कई बार एक टाइम पर ही रोडवेज व प्राइवेट बसें एक साथ बूथ से चल पड़ती हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : डिपो में जब से प्राइवेट बस व रोडवेज की बसें बूथ पर लगनी शुरू हुई हैं, जगह काफी कम पड़ रही है। इससे डिपो के आउट गेट से समय पर बसें नहीं निकल पाती। कई बार बसें बीच में ही फंस जाती हैं। कई बार एक टाइम पर ही रोडवेज व प्राइवेट बसें एक साथ बूथ से चल पड़ती हैं।
बस स्टैंड परिसर से बस निकालने में कर्मचारियों व प्राइवेट बस चालकों के बीच कहासुनी तक हो जाती है। आउट गेट साथ ही कंडम बसों को भी खड़ा किया गया है। इसके कारण काफी कई बार परिसर में जाम की स्थिति बन जाती है। इससे समय पर बस नहीं निकलने में आगे रूट बिगड़ जाते हैं। परिसर के आगे, साइड में व पीछे चारों तरफ से बसें खड़ी हैं। इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को कहा जा चुका है, लेकिन इस समस्या का समाधान जब ही होगा तब नया बस स्टैंड में शिफ्टिग होगी। कंडम बसें बन रहीं सिर दर्द
बस स्टैंड परिसर में 20 से ज्यादा बसें कंडम खड़ी हैं। यह बसें ऐसी जगह पर खड़ी की गई हैं, जहां से रोडवेज की बसें आउट गेट से निकलती हैं। इससे एक बार में एक ही बस निकल सकती है, लेकिन कई बार एक साथ प्राइवेट व रोडवेज बसें निकलती हैं तो फंस जाती हैं और फिर जाम की स्थिति बन जाती है। ऐसे मिल सकती है फिलहाल निजात
अगर प्राइवेट बसों व रोडवेज बसों के समय में बदलाव किया जाए तो ही स्थिति सामान्य हो सकती है। या फिर नए बस स्टैंड की शिफ्टिग होने पर समाधान होगा। अगर कंडम बसों को भी डिपो से हटाकर वर्कशॉप में खड़ी कर दे तो भी समाधान हो सकता है। ट्रैफिक मैनेजर कर्मबीर का कहना है कि उम्मीद है जल्द ही शिफ्टिग हो जाएगी। फिर कोई समस्या नहीं रहेगी।