मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता, दो दिन बाद और ज्यादा मौसम की मार
ओलावृष्टि आंधी बरसात से कई जगहों पर गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। यमुनानगर में खराब फसल को देख किसान रूड़ा राम बेहोश हो गया। उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया।
पानीपत, जेएनएन। मौसम में अचानक बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। आंधी और ओलावृष्टि ने मेहनत पर पानी फेर दिया। यमुनानगर के बिलासपुर, प्रताप नगर व साढौरा खंड के गांवों में ओले और बारिश से गेहूं की फसल बिछ गई। आंधी से कई जगहों पर सड़क किनारे पेड़ गिर गए। बनकट गांव में ओले की वजह से बर्बाद हुई फसल को देखकर किसान रूड़ा राम बेहोश हो गया। उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया।
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। 10 और 11 अप्रैल को मौसम फिर से बदल सकता है। बारिश की संभावना है। सोमवार को करनाल और पानीपत में तेज हवाओं के कारण दिनभर धूल का गुब्बार रहा। क्षेत्र में बूंदाबांदी के साथ 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी चल सकती है। अगले 72 घंटे में मौसम का बदलेगा।
सबसे ज्यादा यमुनानगर में नुकसान
यमुनानगर में अल सुबह ही बादल छा गए थे। करीब 11 बजे अंधेरा छा गया। तेज हवा के साथ सबसे ज्यादा ओलावृष्टि बिलासपुर, रणजीतपुर, साढौरा, प्रताप नगर में हुई। इसके अलावा सरस्वती नगर के कुछ गांवों में भी गेहूं की फसल खराब हुई है। बिलासपुर के गांव बनकट, रामपुर, चौली, काटरवाली, सलेमपुर, नगली, बिहटा, फाजिलपुर, रणजीतपुर, धनौरा समेत अन्य गांवों में 25 मिनट तक हुई ओलावृष्टि से घाड़ क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसानों की हजारों एकड़ गेहूं की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। वहीं नायब तहसीलदार भारत भूषण ने बताया कि तूफान व ओलावृष्टि की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। फील्ड स्टाफ को आदेश दे दिए गए हैं कि गांव-गांव जाकर फसल के नुकसान का आकलन करें।
किसान कार्यालय में लिखित में दें : डीडीए
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुरेंद्र यादव ने बताया कि जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवा रखा है वे मुआवजे के लिए उनके कार्यालय में लिखित में पत्र दे सकते हैं। सरकार से आदेश मिलने पर फसलों की विशेष गिरदावरी कराई जाएगी।