ऐसे भी मौत आती है, पुल से नीचे गिरा पत्थर, दस साल के बच्चे की जान गई
जीटी रोड पर ओवरब्रिज से पत्थर गिरा दस साल के बच्चे की मौत। पानीपत में हुआ हादसा। दो भाई ढाबे पर काम करने जा रहे थे। एकाएक गिरा पत्थर। जब तक अस्पताल ले गए तब तक दम तोड़ दिया।
पानीपत, जेएनएन - दो भाई काम पर जा रहे थे। उन्हें क्या पता था कि आज का दिन उनके लिए इतना भारी होगा कि एक की जान चली जाएगी। जीटी रोड पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज से पत्थर गिर गया। यह पत्थर दस साल के बच्चे के सिर पर जा लगा। जब तक उसे अस्पताल पहुंचाया गया, तब तक उसकी जान चली गई। मामला पानीपत में बीबीएमबी के पास का है। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हैत्र
बिहार के गया जिले के महेशपुर का रणजीत परिवार सहित पानीपत में रहता है। इनके छह बेटे हैं। दो भाई संजय और छोटू, पानीपत के सेक्टर 29 के पास एक ढाबे पर काम करते हैं। रोजाना की तरह सुबह ढाबे पर जा रहे थे।
इस बच्चे की मौत हुई।
एकाएक गिरा पत्थर
बीबीएमबी के पास दोनों पहुंचे थे। पत्थर गिरते ही छोटू नीचे गिर गया। संजय जब तक समझ पाता, तब तक काफी खून भी निकल गया था। उसने वहां से गुजर रहे एक राहगीर को रोका। राहगीर ने तुरंत दोनों को अस्पताल पहुंचाया। सिविल अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। डाक्टरों ने बताया कि चोट इतनी गहरी थी कि काफी खून निकल गया था।
पानीपत में बच्चों की हो रहीं मौत
पानीपत में एक के बाद एक बच्चों की मौत हो रही हैं। मंगलवार को जलालपुर प्रथम से लापता हुए ढाई वर्ष के वंश का शव एक दिन पहले ही गांव के जोहड़ से मिला था। बच्चे के अपहरण की आशंका जताई गई है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है कि डूबने से मौत हुई है। स्वजनों का कहना है कि उनके बेटे की हत्या की गई है।
तीन बच्चों की एकसाथ मौत हुई थी
बिंझौल गांव में तीन बच्चों की एकसाथ मौत हुई थी। ग्रामीणों का कहना था कि छह बच्चे एक डाई हाउस से डोर लेने गए थे। डाई हाउस वालों ने ही तीन बच्चों को पकड़ लिया। उनकी हत्या कर रजवाहे में शव डाल दिए। हालांकि पुलिस की जांच रिपोर्ट में आया है कि बच्चों की मौत डूबने से हुई है। जिन पर आरोप लगे हैं, उनके पोलीग्राफ टेस्ट कराए गए। पुलिस ने इन्हें दोषी नहीं माना। उधर, ग्रामीण अब तक बच्चों की मौत का इंसाफ मांगते हुए धरने पर बैठे हैं।