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कोर्ट में दुष्कर्म पीडि़ता हुई बेहोश, एंबुलेंस मिली न पीसीआर

पानीपत में दुष्कर्म पीडि़ता बयान देते वक्त बेहोश हो गई। जब एंबुलेंस और पीसीआर को कॉल लगाया गया तो कॉल ही कनेक्ट नहीं हुई। इसके बाद किसी तरह से अस्पताल भेजा गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 02:40 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 02:40 PM (IST)
कोर्ट में दुष्कर्म पीडि़ता हुई बेहोश, एंबुलेंस मिली न पीसीआर
कोर्ट में दुष्कर्म पीडि़ता हुई बेहोश, एंबुलेंस मिली न पीसीआर

पानीपत, जेएनएन। कोर्ट में दुष्कर्म पीडि़ता बयान देते समय अचानक बेहोश होकर गिर गई। कोर्ट के स्टाफ ने एंबुलेंस के लिए 102 और 108 नंबर डायल किया लेकिन कॉल कनेक्ट नहीं हो सकी। इसके बाद पीसीआर के लिए कॉल की तो गाड़ी मौजूद नहीं थी।

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शहर की एक कॉलोनी निवासी नवयुवती से करीब 13 माह पहले दुष्कर्म हुआ था। केस एडीजे की कोर्ट में विचाराधीन है। तारीख होने के कारण बुधवार को वह अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशिबाला चौहान की कोर्ट में पेश हुई। बयान देते समय उसे चक्कर आया और बेहोश होकर गिर पड़ी।

न एंबुलेंस मिली न पीसीआर
लड़की के जमीन पर गिरते ही कोर्ट का स्टाफ घबरा गया। उसके चेहरे पर पानी के छींटे मारे गए, लेकिन होश नहीं आया। एंबुलेंस को कॉल की गई तो कनेक्ट नहीं हुई। पुलिस की गाड़ी को कॉल की गई तो कोर्ट परिसर में पीसीआर नहीं खड़ी थी।

स तरह से मिली मदद
इसके बाद सरकारी एंबुलेंस सेवा के फ्लीट मैनेजर ऋषिपाल के मोबाइल नंबर पर कॉल की गई। लगभग 10 मिनट बाद एंबुलेंस पहुंच गई। हालांकि, इससे पहले लड़की होश में आ गई थी। एंबुलेंस ने उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया। लड़की के पिता ने बताया कि घटनाक्रम बताते हुए वह नर्वस हो गई थी। उसका ब्लड प्रेशर भी डाउन रहता है। प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।

चार साल से बंद है डिस्पेंसरी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से कोर्ट कांप्लेक्स के प्रथम तल पर डिस्पेंसरी खुलवाई गई थी। इसमें एक सरकारी डॉक्टर और स्टाफ बैठता था। करीब चार साल से डिस्पेंसरी बंद पड़ी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉक्टर उपलब्ध नहीं कराया जाना इसकी वजह बताई गई है। बता दें कि कोर्ट कांप्लेक्स में जज, कोर्ट स्टाफ, सफाई कर्मचारी, वकील, वादी-प्रतिवादी पक्ष, बंदी-कैदी और पुलिस सहित करीब 5000 लोगों को रोजाना आवागमन होता है।

 डिस्पेंसरी शुरू कराने के लिए सेशन जज से चर्चा की जाएगी। उनकी अनुमति से जगह निर्धारित होगी। सिविल सर्जन को पत्र भेजकर डॉक्टर, स्टाफ आदि की डिमांड की जाएगी। जल्द डिस्पेंसरी शुरू करा देंगे।
मनोज कुमार राणा, सीजेएम (सचिव-डीएलएसए)

 एंबुलेंस के लिए 102 और 108 डायल सेवा सुचारू है। गई बार तकनीकी खराबी के कारण कॉल कनेक्ट नहीं हो पाती। इसे चेक कराया जाएगा। एक और मोबाइल नंबर सार्वजनिक स्थानों पर डिस्प्ले करा दिया जाएगा।
ऋषिपाल, फ्लीट मैनेजर, एंबुलेंस सेवा


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