Move to Jagran APP

तेज हवा के साथ बरसात ने बढ़ाई ठंड panipat news

पानीपत सहित प्रदेश के कई जिलों में बारिश ने दोबारा किसानों की परेशान कर दिया है। अब फसल पर संकट मंडरा गया है। अगर ओले गिरे तो फसल खराब हो जाएगी और उत्‍पादन पर बारिश का असर पडेगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 12:10 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 12:10 PM (IST)
तेज हवा के साथ बरसात ने बढ़ाई ठंड panipat news
तेज हवा के साथ बरसात ने बढ़ाई ठंड panipat news

जेएनएन, पानीपत : शनिवार सुबह हुई बारिश से एक बार फिर ठंड ने दस्तक दे दी है। सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई बारिश ने किसानों की ज्यादा परेशानी बढ़ा दी है। हालांकि यह बारिश गेहंू की फसल के लिए फायदेमंद होगी लेकिन बारिश के साथ ओले गिरे तो किसान परेशान हो जाएगा। क्योंकि ओले गिरने से उनकी फसल खराब हो जाएगी और वे एक बार फिर मुश्किल में पड़ जाएंगे। 

loksabha election banner

गौरतबल है कि कई दिन पहले भी बारिश से किसानों की फसल जमीन में बिछ गई थी। बारिश में फरवरी के अंत में भी लोग सर्दी का एहसास कर रही है।  

मौसम विभाग ने 29 फरवरी को बारिश व तेज हवा चलने की संभावना दोहराई थी। विभाग के इस अलर्ट से एक बार फिर किसानों की ङ्क्षचता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण बारिश की संभावना बनी है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह के समय नमी की मात्रा 75 फीसद दर्ज की गई। हवा 2.8 किलोमीटर से लेकर करीब तीन किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। 

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक 29 फरवरी को बरसात होने की प्रबल संभावना जस की तस बनी हुई है। वहीं कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि इस समय होने वाली बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है। क्योंकि गेहूं की फसल पक रही है। बारिश में फसल गिरेगी, जिससे उत्पादन पर असर पड़ेगा। इसे लेकर किसानों के मन में आशंका गहरा गई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.