आयुष्मान का ये भी लाभ, बड़े काम की है ये खबर
केंद्र सरकार के आयुष्मान के आशीर्वाद से बच्चे भी अछूते नहीं रहेंगे। माता-पिता के साथ बेटों की भीदेखभाल होगी। आखिर ऐसी कौन सी योजना है। जानने के लिए पढिय़े दैनिक जागरण की ये खबर।
जागरण संवाददाता, पानीपत: केंद्र सरकार के आयुष्मान के आशीर्वाद से बच्चों की सेहत सुधरेगी। अब वह भी निरोग रह सकेंगे। माता-पिता के साथ सरकार उनका भी ख्याल रखेगी। जी हां, ये सच है। केंद्र सरकार की ओर से ही माता-पिता के साथ बच्चों की सेहत की भी देखभाल होगी। आखिर ऐसा क्या है, जानने के लिए पढिय़े ये खबर।
आयुष्मान भारत योजना की सूची में आए परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं है, तो अब उसका नाम जोड़ा जा सकेगा। इस संबंध में गाइडलाइन मिल गई है, लेकिन इसमें शर्त यह होगी कि 2011 में परिवार के सदस्य का नाम राशन कार्ड में होना चाहिए।
साल 2011 के बाद जो पैदा हुआ, उसको फायदा नहीं
परिवार में कोई बच्चा 2011 के बाद पैदा हुआ है, तो उसका भी नाम योजना में शामिल करवाया जा सकता है। इसमें भी शर्त यह है कि बच्चे के माता पिता का नाम राशन कार्ड में होना चाहिए। इस नए नियम से उन लोगों को लाभ मिलेगा। जिनकी शादी 2011 में हुई थी। बाद में बच्चा होने की वजह से उसका नाम योजना में नहीं आ सका। बता दें कि जिले में 93 हजार परिवारों को आयुष्मान योजना का लाभ मिलना है। अब तक 3500 परिवारों के गोल्डन कार्ड योजना के तहत बन चुके हैं। जबकि 40मरीजों का इस योजना के तहत इलाज चल रहा है।
23 सितंबर को शुरू हुई योजना
15 अगस्त को प्रोजेक्ट के तौर पर आयुष्मान योजना शुरू की गई थी। बाद में 23 सितंबर को आधिकारिक रूप से योजना का संचालन कर दिया गया। हालांकि अभी तक सभी लोगों के गोल्डन कार्ड नहीं बन सके हैं, क्योंकि 2011 की आर्थिक जनगणना के आधार पर परिवारों का चयन किया गया। इतने समय में कुछ लोगों के पते बदल गए, तो कुछ लोगों की ओर से दिया गया रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी बदल गया है। जिससे ऐसे परिवारों का पता नहीं लग रहा है।
इस तरह से कर सकते हैं पता
हेल्प डेस्क के अलावा घर बैठे ही आयुष्मान भारत योजना में पात्रता का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए मेरा डॉट पीएमजेएवाइ डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन करना होगा। यहां पर मोबाइल नंबर डालकर अकाउंट बनाना होगा। इसमें राशन कार्ड का नंबर डालकर पात्रता का पता लगाया जा सकता है। यदि इस लिस्ट में नाम है, तो वह आयुष्मान भारत के हेल्प डेस्क पर जाकर अपना कार्ड बनवा सकते हैं। योजना को लेकर लोगों में भ्रांतियां भी फैली हुई है। हालांकि ऐसा नहीं है। योजना के तहत 24 घंटे कभी भी आकर पात्रता का पता लगा सकते हैं। जो योजना का पात्र होगा। उसका गोल्डन कार्ड बनेगा। ट्रॉमा सेंटर में बनी हेल्प डेस्क इसके लिए हर समय खुली हुई है। जल्द ही पीएचसी व सीएचसी पर भी आयुष्मान हेल्प डेस्क स्थापित होंगी।
नाम जुड़वाने के लिए लगवा रहे सिफारिश
योजना में नाम जुड़वाने के लिए लोग सिफारिश लगवा रहे हैं। कुछ शिकायतें सीएम विंडो तक में कर दी गई। हालांकि योजना के लिए 2011 की सूची होने की वजह से ऐसे लोगों की सिफारिश भी काम नहीं आ सकी।