हाउस टैक्स वाली फाइल जहां से चली फिर वहीं पहुंच गई
जागरण संवाददाता पानीपत अंकल जी.। आपकी फाइल इधर पड़ी है। जहां से चली थी फिर वहीं पह
जागरण संवाददाता, पानीपत : अंकल जी.। आपकी फाइल इधर पड़ी है। जहां से चली थी फिर वहीं पहुंच गई। साहब ने कुछ आपत्ति लगा दी है। पहले उसे दूर करो। फिर इस पर साइन करा लेना। सेक्टर 11 निवासी विजय सोमवार को भी चार घंटे तक धक्के खाने के बाद पालिका बाजार निगम कार्यालय से बिल करवाए बिना घर लौट आए। गलत हाउस टैक्स बिल में सुधार न होने से परेशान हैं। अब विधायक प्रमोद विज से मिलकर निगम में अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएंगें।
सेक्टर 11 में रहने वाले विजय की पत्नी नीलम के नाम से 65 गज का मकान (नंबर 196) है। इस मकान के लिए नगर निगम से 43 हजार 162 रुपये का हाउस टैक्स भेजा गया है। बीते आठ अक्टूबर को पालिका बाजार स्थित कार्यालय में कार्यकारी अधिकारी से मुलाकात करने गए। उनसे मुलाकात नहीं होने पर लौट आए। सोमवार को सुबह 10 बजे पालिका बाजार प्रथम मंजिल पर स्थित कार्यालय में पहुंचे। दोपहर 2.30 बजे कार्यकारी अधिकारी राकेश कादियान से उनकी मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि उनके टेबल तक फाइल नहीं पहुंची है। एक भी फाइल अटकने नहीं देते हैं। सेवादार सुमित से जाकर मिलो। जब सेवादार के पास पहुंचे तो वह बातों में इधर-उधर घूमाने लगा।
कमिश्नर से मुलाकात नहीं हुई
विजय ने दैनिक जागरण को बताया कि कार्यकारी अधिकारी के इन्कार करने पर कार्यालय में क्लर्क अनिल से मिले। उन्होंने आगे बढ़ाने की बात कही। उसके बाद काउंटर पर एक मैडम के पास गए। उन्हें सारी बातें बताई। जान पहचान होने से मैडम ने सेवादार सुमित को बुलाकर फाइल जल्द खोजने को कहा। सेवादार ने सवा घंटे के बाद निकाल कर दिया। इसी सिलसिले में निगम आयुक्त सुशील कुमार से मिलने उनके कार्यालय भी गए। उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।
क्या है मामला
सेक्टर 11 में निगम की सर्वे टीम गई थी। टीम ने इसका एरिया 130 वर्ग गज दर्ज कर दिया। मकान नंबर 195 व 196, दोनों मिला कर 130 गज बनता है। इसी हिसाब से उनका हाउस टैक्स ज्यादा लगाकर भेज दिया है। इस सुधरवाने के लिए नगर निगम का चक्कर लगा रहे हैं।
विधायक से आज करेंगे शिकायत
पौने दो माह से परेशान विजय मंगलवार को विधायक प्रमोद विज से उनके कार्यालय में मिलकर पालिका बाजार निगम कार्यालय की कार्यप्रणाली के बारे में बात करेंगे। हाउस टैक्स बिल सुधरवाने की कोई उन्हें राह नहीं दे रहा है।