ऐसा खतरनाक गिरोह जो झुग्गियों में रहे लोगों की आधी रात को लूटकर कर देता है हत्या panipat news
अंबाला-जगाधरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऐसा गिरोह सक्रिय है जो आधी रात को लोगों को निशाना बनाता है। यह गिरोह लोगों की हत्या कर देता है और फरार हो जाता है। पुलिस भी पकडने में नाकाम है।
जेएनएन, पानीपत : अंबाला-जगाधरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऐसा गिरोह सक्रिय है जो आधी रात को लोगों को निशाना बनाता है। यह गिरोह झुग्गी झोंपड़ियों में रहने वाले गरीबों को लूट लेता है और बाद में हत्या भी कर देता है। ऐसी सनसनीखेज वारदात अंबाला और आसपास के क्षेत्र में होती हैं। यह गिरोह इतना खतरनाक है कि किसी को भी छोडता। ऐसा ही वाक्या मंगलवार को देखने को मिला। शक्ति नगर के पास झुग्गी झोंपड़ियों में देसी दवा बेचने वाले परिवारों पर बावरिया गिरोह का कहर टूट पड़ा। सफेदे के पेड़ों से बनाए गए डंडों से बदमाशों ने चार झुग्गियों में सो रहे नौ लोगों के सिर पर अंधाधुंध वार कर दिया। कच्छे पहने और बदन पर तेल लगाकर वारदात को अंजाम देने पहुंचा बावरिया गिरोह करीब एक लाख रुपये नकद और जेवरात लूट लिया।
खून से लथपथ 8 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया
इस वारदात में जहां एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं खून से लथपथ 8 लोगों को छावनी के नागरिक अस्पताल लाया गया। घायलों की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें सेक्टर 32 चंडीगढ़ स्थित अस्पताल रेफर कर दिया। इन में से कुछ लोग सरकारी अस्पताल में इलाज न करवाने की बात कहकर करनाल के प्राइवेट अस्पताल में दाखिल हो गए। वारदात की सूचना के बाद एसपी अभिषेक जोरवाल और िफंगर एक्सपर्ट जीआर जैन और जिले के तीन सीआइए स्टाफ ने मौके का मुआयना किया।
सोते समय सिर पर ताबड़तोड़ किया हमला
साहा पुलिस ने डकैती और हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रविवार रात करीब तीन बजे झुग्गी झोंपड़ी में रहने वाले आराम कर रहे थे। इसी दौरान बावरिया गैंग के सदस्य लोगों के सिर पर ताबड़तोड़ वार किया और बुरी तरह से जख्मी कर दिया। इसके बाद बदमाशों ने झुग्गी में रखे करीब एक लाख रुपये की नकदी व जेवरात चोरी कर फरार हो गए। हमले में केसर सिंह की मौत हो गई, जो लंबे समय से अंबाला छावनी में रह रहा था।
बावरिया गिरोह की वारदात का तरीका काफी क्रूर
जहां पर भी यह गिरोह वारदात करता है, वहां पर हत्या या मारपीट जरूर की जाती है। बावरिया एक घुमंतू जाति है जो आबादी से दूर डेरा बनाकर रहती है। इसे कच्छा बनियान गिरोह के नाम से भी जानते हैं। यह पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान में रहते हैं। प्रदेश में कहीं पर भी वारदात को अंजाम देकर यह अपने ठिकाने पर वापस पहुंच जाते हैं।
पांच से दस लोग गिरोह बनाकर क्राइम करने घरों से निकलते हैं
ये लोग एक साथ पांच से दस लोग गिरोह बनाकर क्राइम करने घरों से निकलते हैं। दिवाली के दिन ये लोग पूजा- पाठ कर अपने पैतृक स्थान को छोड़कर वारदात के लिए निकलते हैं। जिस जिले में धावा बोलते हैं, शहर या देहात क्षेत्र में आबादी से बाहर अपना हेड क्वार्टर बनाते हैं। भीख मांगने के बहाने ये अपना शिकार तलाश करते हैं। साथ ही एक रात में चार से छह स्थानों को टारगेट कर धावा बोलते हैं। अपने हेड क्वार्टर से निकलते समय ये पूजा-पाठ करते हैं। खास बात यह है कि जब तक पूरा गिरोह घर वापस नहीं लौटता महिलाएं अखंड ज्योति जलाती हैं। पहले यह गिरोह ट्रेनों व बसों में सफर करता था, लेकिन अब कुछ गिरोह के सदस्यों ने अपनी गाड़ियां भी खरीद ली हैं। यह गिरोह अपने पास हथियार नहीं रखता। वारदात से पहले कुछ दूरी से ही डंडों अथवा सरियों का इंतजाम करता है। घटना स्थल से कुछ दूर पहले ये अपने कपड़े उतार देते हैं। केवल कच्छा और बनियान पहनकर अपराध करते हैं। गिरोह के सदस्य वारदात से पहले शरीर पर तेल मलते हैं ताकि पकड़े जाने पर फिसलन के कारण आसानी से छूट जाएं। शिकार के घर धावा बोलते ही लूटपाट से पहले यह गिरोह हत्या और मारपीट का दौर शुरू कर देता है। विशेषकर सिर और नाक को निशाना बनाते हैं। हत्या मारपीट व लूट करने के बाद ये लोग घटना स्थल या उसके आसपास शौच भी करते हैं, जो बावरिया गैंग की पुष्टि समझी जाती है। पुलिस सूत्रों की मानें तो यह उनका टोना- टोटका भी है, जहां लूट करते हैं वहां शौच करते है। वारदात के समय कोड भाषा में बातचीत करते हैं। वारदात के बाद बिछड़ जाने पर विशेष आवाजें निकालकर गिरोह एक स्थान पर एकत्र हो जाता है। रातभर वारदात करने के बाद सुबह तक गिरोह अपने हेड क्वार्टंर में होता है।
ट्रेनाेें से हो जाते फरार
लूट की वारदात को अंजाम देने वाला बावरिया गिरोह ट्रेन से आया और रेलगाड़ी से ही रवाना हो गया। लूटपाट के बाद बावरिया गिरोह जफरपुर गांव में पहुंचा, जहां पर पैसा और जेवरात आपस में बांटा गया और इसके बाद केसरी स्टेशन से ट्रेन में सवार होकर रवाना हो गए।
लूट की वारदात से पहले और घटना के बाद कौन-कौन सी ट्रेन किस रूट पर जाती है, इसकी तलाश में जुट गई है। पुलिस के हाथ में कुछ सुराग लगे हैं। पुलिस की छानबीन में स्पष्ट हो चुका है कि यह गिरोह ट्रेन में आया था और वारदात को अंजाम देने के बाद दूसरी ट्रेन में रवाना हो गया। वारदात के बाद पुलिस की टीम जफरपुर गांव में पहुंची, जहां पर कुछ ऐसे तथ्य मिले हैं कि यहां गिरोह के सदस्य रुके और आपस में नकदी व जेवरात बांट लिए। पुलिस की टीमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लिए रवाना हो चुकी हैं।
शरीर पर तेल लगाकर आते हैं ताकि कोई भी पकड़ नहीं सके
बावरिया गिरोह का कहर अंबाला में नया नहीं है। सन 2009 और इसके बाद भी कई वारदातों को अंजाम दिया गया, जिसमें लोगों की हत्या तक हुई। अंबाला शहर की सूर्या कालोनी में मार्च 2009 में भी इस गिरोह ने एक घर में लूटपाट के इरादे से वारदात को अंजाम दिया था, जिससे शहर कांप गया था। हालांकि सन 2009 में हुई वारदात को पुलिस ने सुलझा लिया और आरोपितों को अदालत से भी उम्र कैद हुई थी। एसपी अभिषेक जोरवाल ने कहा कि वारदात के बाद हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। सीआइए व साहा थाने की दो-दो टीमें जांच कर रही हैं। आरोपितों की तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
वारदात में इस्तेमाल डंडे मिले
पुलिस को इस वारदात में इस्तेमाल किए गए डंडे भी मिले हैं। इन डंडों की कटाई काफी तरीके से काटे गए हैं, जिनसे झुग्गी झोंपड़ी में रह रहे लोगों पर हमला किया गया। पुलिस पता कर रही है कि यह डंडे कहां पर काटे गए हैं। इसके अलावा अन्य पहलुओं पर भी पुलिस जांच में जुटी है।
मार्च 2009 में एक परिवार पर किया था हमला
जड़ौत रोड स्थित सूर्या कालोनी निवासी बिजली कर्मी बलराम के घर में मार्च 2009 में एक कार्यक्रम के तहत हवन का आयोजन था। इसमें शिरकत करने के लिए उनके कई रिश्तेदार आए हुए थे। इसी दिन रात को कुछ बावरिया गिरोह के कुछ सदस्यों ने हथियारों से घर पर हमला बोल दिया। हमले के दौरान उन्होंने जहां परिजनों व रिश्तेदारों को पीटा, वहीं आभूषण व अन्य सामान भी लूट लिया। उनके इस हमले में वह खुद और उनका बेटा रिंकू समेत अन्य घायल हो गए थे। रिंकू और रजनीश की गंभीर हालत को पीजीआइ रेफर कर दिया गया था। बाद में उसने दम तोड़ दिया।
बाइकों पर झपटमारी की वारदातें कर चुके
उत्तर प्रदेश के शामली और झझाना क्षेत्र में बावारिया गिरोह के करीब चौदह गांव हैं, जहां यह लोग रहते हैं। यह सभी घर में देसी शराब निकालने का काम करते हैं, वहीं छीनाझपटी में भी माहिर हैं। फर्जी नंबर लगी बाइकों पर यह गिरोह झपटमारी की वारदातें कर चुके हैं। अपराध के तुरंत बाद ये लोग प्लान के तहत झपटमारी का सामान दूसरी बाइक पर सवार अपने सहयोगियों को थमा देते हैं। कानूनी कार्रवाई में इसका फायदा उठा सकें।
यह लोग हुए घायल
बावरिया गिरोह के बदमाशों द्वारा किए गए हमले में आठ लोग घायल हुए हैं। घायलों की पहचान रीना, ज्ञान, पप्पू, जो¨गदर, गुड्डी, हिना, विजय, रानी निवासी अंबाला छावनी के रूप में हुई है।