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बारिश में ढहाए ढाबे, मंत्री से लगाई सिफारिश तो अफसर बोला, मेरी मशीन बंद होने के लिए नहीं चलती

जागरण संवाददाता समालखा एक तरफ मूसलधार बारिश हो रही थी दूसरी तरफ अवैध निर्माण ढह

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 07:37 AM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 07:37 AM (IST)
बारिश में ढहाए ढाबे,  मंत्री से लगाई सिफारिश तो अफसर बोला, मेरी मशीन बंद होने के लिए नहीं चलती
बारिश में ढहाए ढाबे, मंत्री से लगाई सिफारिश तो अफसर बोला, मेरी मशीन बंद होने के लिए नहीं चलती

जागरण संवाददाता, समालखा : एक तरफ मूसलधार बारिश हो रही थी, दूसरी तरफ अवैध निर्माण ढहाए जा रहे थे। कार्रवाई के तहत जेसीबी ढाबों को ढहा रही थी। जिला नगर योजनाकार की टीम ने बारिश के बावजूद भी अपना काम नहीं रोका। एक ढाबा मालिक ने कार्रवाई रुकवाने के लिए सिफारिश की खातिर प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों को फोन लगाकर बात कराने की कोशिश की, लेकिन अफसर ने फोन नहीं सुना। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मेरी मशीन बंद होने के लिए नहीं चलती। मामला समालखा का है। पट्टीकल्याणा स्थित जीटी रोड पर अवैध रूप से बनाए गए चार ढाबों को धराशायी किया गया। कार्रवाई करीब तीन घंटे तक चली।

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ऐसे चली कार्रवाई

हाईवे पर जिन ढाबों ने चैंज ऑफ लैंड यूज यानी सीएलयू सर्टिफिकेट नहीं ले रखा है। उनके खिलाफ जिला नगर योजनाकार विभाग की कार्रवाई जारी है। वीरवार को भी डीटीपी ललित कुमार बारिश के बीच ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार नरेश कौशल के साथ दो जेसीबी व भारी पुलिस बल लेकर पट्टीकल्याणा स्थित बाबा ढाबे पर पहुंचे। संचालक ने कुछ कागजात दिखा विरोध करना चाहा, पर पुलिस बल के सामने उसकी एक नहीं चली और कुछ देर में ही ढाबे को मलबे में तबदील कर दिया। फिर मशीने महावटी रोड के साथ 70 माइल स्टोन ढाबे पर पहुंची। बिल्डिग मालिक व किराये पर लेकर चलाने वाले संचालक ने अधिकारी से दो दिन का समय मांगा, लेकिन उसने साफ मना कर दिया। मशीन साथ में बनी बिल्डिग पर चलने लगी। दूसरी तरफ ढाबे पर काम करने वाले कर्मचारी साहब के तेवर देख सामान को बाहर निकालने में जुट गए। ढाबा संचालक ने नुकसान का हवाला दे अफसर से हाथ जोड़ मिन्नत की, परंतु अफसर टस से मस नहीं हुए। फट से जवाब दिया, मेरी मशीन रुकने के लिए नहीं चलती है। आपके पास तब तक का ही समय है, जब तक ये दूसरी जगह चल रही है। फिर क्या था। संचालक ने सारा सामान बाहर निकलवा और जो बचा, वो मलबे में दबकर रह गया। इसके बाद स्टार व एक अन्य ढाबे को भी चंद मिनटों में धराशायी कर दिया गया। प्रशासनिक अमले व कार्रवाई को देखने के लिए मौके पर भीड़ जमा हो गई। वहीं ढाबा संचालकों का आरोप है कि उन्हें पहले किसी तरह का कोई नोटिस नहीं दिया गया। अचानक से कार्रवाई अमल में लाई गई। सामान टूटने पर उन्हें काफी नुकसान हुआ है। दो मंत्री से करानी चाही बात

70 माइल स्टोन ढाबे की बिल्डिग को मदन छौक्कर ने किराये पर दिया हुआ है। डीटीपी की टीम पहुंची और कार्रवाई शुरू हुई तो मदन छौक्कर ने अधिकारी से सामान हटाने तक का समय मांगा। अधिकारी ने साफ मना कर दिया। फिर उन्होंने बचने के लिए एक नहीं, बल्कि प्रदेश सरकार के मंत्री बनवारी लाल और ओमप्रकाश यादव को फोन लगा अधिकारी से बात करानी चाही, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया। मदन ने कहा भला ये कैसा अफसर है, जो मंत्रियों तक से बात नहीं करता।

ट्रांसफर का डर नहीं

जिला नगर योजनाकार अधिकारी हैं ललित कुमार। इससे पहले स्वर्ण महल होटल को सील कर चुके हैं। अब तक सील नहीं खुली है। उनका साफ कहना है कि ट्रांसफर का डर नहीं। जहां जाएंगे, कानून और नियमों की पालना कराएंगे। बचने के लिए हर आदमी सिफारिश लगाने की कोशिश करता है।

हर किसी को दिया गया नोटिस

डीटीपी ललित कुमार के मुताबिक अवैध तरीके से खुले ढाबों पर कार्रवाई की गई। जो बचे हैं, जल्द ही उनको भी गिराया जाएगा। हर ढाबा संचालक को नोटिस दिया गया। उन्होंने नोटिस का जवाब तक दिया है। बगैर नोटिस कार्रवाई के आरोप गलत है।


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