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शहर में आवारा कुत्तों का आतंक, कंपनी अब तक 219 कुत्तों को ही पकड़ पाई

शहर में आवारा आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 07:47 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 07:47 AM (IST)
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक, कंपनी अब तक 219 कुत्तों को ही पकड़ पाई
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक, कंपनी अब तक 219 कुत्तों को ही पकड़ पाई

जगमहेंद्र सरोहा, पानीपत : शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए जिस धीमी रफ्तार से काम हो रहा है, उससे तो लगता है कि पूरा अभियान छह साल साल में पूरा हो सकेगा। पिछले 10 दिन में कुत्ते 100 के करीब लोगों को काट चुके हैं। कंपनी वर्क ऑर्डर के बाद अब तक केवल 219 कुत्ते ही पकड़ पाई है। गर्मी शुरू होते ही आवारा कुत्तों के काटने के केस बढ़ गए हैं। निगम ने जींद की एनजीओ व‌र्ल्ड विदआउट सफ¨रग सोसाइटी को 765 रुपये प्रति कुत्ता पकड़ने का वर्क ऑर्डर जारी किया था। सोसाइटी ने इसके बाद आठ जून को आवारा कुत्तों को पकड़ना शुरू किया था।

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सोसाइटी के सदस्य औसतन हर रोज 13 कुत्ते ही पकड़ पा रही है। शहर में 30 हजार आवारा कुत्ते हैं। छह साल में जब तक इन कुत्तों को पकड़ा जाएगा, तब तक तो इनकी संख्या दोगुनी हो जाएगी। हालांकि सोसाइटी के सदस्य कुत्तों का आतंक कम करने के लिए तीन साल का समय लगने की बात कह रहे हैं। जानिए जो निगम ने नहीं बताया

नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर जारी कर शहरवासियों की उठी आवाजों को शांत कर दिया था। सच्चाई तो अब सामने आई है। नगर निगम ने सोसाइटी को आवारा कुत्ते पकड़ने का 6 महीने का ही ठेका दिया है। निगम ठेके को आगे नहीं बढ़ाता है तो शहर में कुत्तों का आतंक कम नहीं होगा। हाली पार्क की जमीन पर बनाया ऑपरेशन थियेटर

व‌र्ल्ड विद आउट सफ¨रग सोसाइटी के चेयरमैन डॉ. अंकुश सिहाग ने बताया कि आवारा कुत्तों के लिए ऑपरेशन थियेटर हाली पार्क के साथ जमीन पर बनाया गया है। इसके अलावा डॉग कै¨चग टीम बनाई है। इन्हें एक डॉग वैन दी गई है। सोसाइटी ने आठ जून को आवारा कुत्तों को पकड़ना शुरू किया था। अब तक 219 कुत्तों को पकड़ा है। डॉग कैचर टीम सुबह दो घंटे कुत्तों को पकड़ती है। इसके बाद इनका ऑपरेशन किया जाता है। कुत्तों को दो दिन तक कैनल में रखा जाता है। इसके बाद संबंधित क्षेत्र में वापस ले जाकर छोड़ दिया जाता है। शहर के एक हिस्से में ही चलाया गया है अभियान

कंपनी अब तक मॉडल टाउन और इसके साथ लगते शांति नगर, विराट नगर और पूरेवाल कॉलोनी कच्चा कैंप में ही आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम शुरू कर पाई है। एक दिन सनौली रोड पर भी आवारा कुत्तों को पकड़ा था। बाकी शहर में कुत्ते पकड़ने का अभियान नहीं चल पाया है। इन क्षेत्रों के लोगों को आवारा कुत्तों से अब भी खतरा बना हुआ है। अब तक नहीं बना पाई शिकायत केंद्र

शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम तो शुरू कर दिया, लेकिन अब तक शिकायत केंद्र नहीं बनाया जा सका है। ऐसे में शहरवासियों को आवारा कुत्तों से संबंधित शिकायत सोसाइटी के कार्यालय में जाकर देनी पड़ती है या फिर निगम की मेल आइडी पर शिकायत की जा सकती है। पार्षद की जुबानी

अधिकारी टाल रहे खतरा

कोट्स फोटो

वार्ड 5 के पार्षद जयकुंवार ¨बदल ने बताया कि उनके वार्ड में आवारा कुत्तों के झुंड हैं। कुत्ते आए दिन लोगों को काट रहे हैं। निगम अधिकारी कुत्तों को पकड़ने का ठेका देकर अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट गए हैं। हर बार जल्द ही कुत्ते पकड़ने की बात कहकर टाल देते हैं। आवारा कुत्ते लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा

वार्ड-15 पार्षद सुरेंद्र गर्ग ने बताया कि वार्ड में कुत्तों की भरमार है। गर्मी में कुत्तों और भी खतरनाक हो गए हैं। वार्ड में कुत्तों के काटने के हर रोज मामले आ रहे हैं। निगम अधिकारियों को कई बार कहा जा चुका है। वे आश्वासन देने के सिवाय कुछ नहीं कर रहे। अभियान में तेजी लाएंगे

आवारा कुत्तों को पकड़ने का वर्क ऑर्डर व‌र्ल्ड विद आउड सफ¨रग सोसाइटी को दिया गया है। अधिकारियों ने जल्द ही आवारा कुत्तों को पकड़ने की बात कही थी। पत्र लिखकर इसमें तेजी लाने के आदेश दिए जाएंगे।

सुरेश वर्मा, मेयर, पानीपत।


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