अंबाला में महिलाओं के हाथ में जल संरक्षण की कमान, घर-घर जाकर बनाएंगी पानी बहाने वालों की रिपोर्ट
अंबाला छावनी में जल संरक्षण के लिए ग्राम पंचायतों में महिलाओं की टीम उतारी जाएगी। महिलाएं आंगनबाड़ी वर्कर टीम के साथ गांव-गांव जाएंगी। पानी के बारे में जानकारी जुटाएगी। साथ ही लोगों को जागरूक करेंगी। पानी वेस्ट करने वाले लोगों की रिपोर्ट बनाएंगी।
अंबाला, जेएएनएन। जल संरक्षण के लिए महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी जाने लगी है। वह गांव-गांव में जाकर लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक करेंगी। साथ ही मासिक रिपोर्ट बनाकर विभाग को देंगी। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा यह कार्रवाई की जा रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर महिलाओं की टीम बनाई जा रही है।
इनमें गांवों की महिला और आशा वर्करों को जोड़ा जाना है। महिलाएं आंगनबाड़ी वर्कर टीम के साथ गांव-गांव जाकर इस मुहिम को सफल बनाएंगी। अंबाला में करीब 294 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें महिलाओं की टीम घर-घर जाकर पानी के बारे में जानकारी जुटाएगी। साथ ही लोगों को जागरूक करेगी कि वह पानी को अधिक से अधिक बचाए। गांवों में नलों को खुला छोड़ देते हैं। इसके कारण पानी व्यर्थ होता है। पानी वेस्ट करने वाले लोगों की रिपोर्ट बनाकर विभाग को सौंपी जाएगी। इसके बाद विभाग द्वारा जुर्माना भी लगाया जा सकेगा।
घर-घर में बनाई ट्यूबवेल भी होगी बंद
गांवों में पशुओं के लिए घर-घर में ट्यूबवेल बनाई गई है। जिसमें पानी भर दिया जाता है। ट्यूबवेल में दिनभर पानी भरा रहता है, लेकिन अब विभाग द्वारा घर-घर में बनाई गई ट्यूबवेल को भी बंद कराया जाएगा। ताकि पानी वेस्ट होने से बच सके। विभाग द्वारा इस तरह के घरों को चिंहित किया जा रहा है।
गांवों में पढ़ाया जाएगा जल संरक्षण का पाठ
जल को बचाने के लिए गांवों में महिलाओं की टीम द्वारा गोष्ठी की जाएगी। जिसमे वीडियो के माध्यम से ग्रामीणों को पानी की महत्ता के अलावा होने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। पानी की बचत कैसे करें ताकि दूसरे लोगों को पानी मिल सके। गांव-गांव में महिलाएं गोष्ठी के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करेगी। इसके अलावा टीम स्कूलों में भी बच्चों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
पीडब्ल्यूडी के जिला सलाहकार अमित खोसला का कहना है कि महिलाओं का जल संरक्षण मुहिम से जोड़ा जा रहा है। ताकि हम गांव-गांव में जाकर पानी को वेस्ट होने से बचा सके। इनमें आशा वर्कर के अलावा गांव की महिलाओं को भी जोड़ा जाएग। महिलाएं घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। साथ ही गांव रिपोर्ट बनाकर विभाग को देगी।
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