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शिक्षकों ने चंदे से बदल दी स्कूल की तस्वीर

पहले लगता था पशुबाड़ा, अब जीत चुका है सौंदर्यीकरण योजना का पुरस्कार।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 12:17 PM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 12:17 PM (IST)
शिक्षकों ने चंदे से बदल दी स्कूल की तस्वीर
शिक्षकों ने चंदे से बदल दी स्कूल की तस्वीर

विजय गाहल्याण, पानीपत

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एक साल पहले तक ब्राह्मण माजरा गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय का भवन खस्ताहाल था। कमरों में सीलन से बदबू आती थी। मैदान में झाड़ियां उगी हुई थी। यह स्कूल कम पशुबाड़ा ज्यादा लगता था। यहां का शिक्षक स्टाफ बदला तो उन्होंने मिलकर चंदा इकट्ठा किया। पंचायत का भी सहयोग लिया और स्कूल की तस्वीर ही बदल दी। अब भवन चकाचक हो गया है। टाइलें लगवाई गई। पार्क बनाकर फूलदार पौधे लगा दिए गए हैं। सफाई व्यवस्था बेहतरीन है। इसी वजह से इस स्कूल को सौंदर्यीकरण योजना के तहत राजकीय माध्यमिक विद्यालय में 1.50 लाख रुपये का प्रथम पुरुस्कार मिला है। इसके अलावा प्रधानमंत्री स्वच्छ योजना के अंतर्गत स्कूल स्वच्छ शौचालय में भी अव्वल है।

ऐसे मिली सीख, खुद भी किया श्रमदान

संस्कृत शिक्षक सतीश कुमार ने बताया कि वह पहले हड़ताड़ी के राजकीय प्राइमरी स्कूल में ड्यूटीरत था। तब उसने शिक्षकों के सहयोग से स्कूल का सौंदर्यीकरण कराया। गत वर्ष उसका तबादला ब्राह्मण माजरा के स्कूल में हुआ तो यहां पर चोरों तरफ गंदगी फैली थी। ऐसे माहौल में बच्चों को शिक्षित करना तो दूर बैठना भी दूभर था। इसके बाद उसने मुख्याध्यापक देवेंद्र कुमार, शिक्षक सुनील कुमार, सुरेंद्र दहिया और विपन के साथ मिलकर स्कूल के सुधार कौ निणर्य लिया। दिक्कत बजट की थी। इसलिए सभी ने मिलकर रुपये इकट्ठा किए और सरपंच से आर्थिक मदद से कमरों को दुरुस्त करवाकर सफेदी कराई गई। श्रमदान करके पार्क बनाया। पानीपत से फूलदार पौधे लगाए गए। अब स्कूल में जो भी आते हैं तारीफ करते हैं। इससे अच्छा लगता है।

पांच विद्यार्थियों को छात्रवृति मिली

मुख्यध्यापक देवेंद्र कुमार ने बताया कि बच्चे स्कूल में वर्दी में नहीं आते थे। शिक्षकों ने उन्हें खरीदकर वर्दी व पुस्तकें दी। अभिभावकों को जागरूक किया कि वे बच्चों को स्वच्छ रखें। इसके बाद विद्यार्थियों ने भी सफाई पर ध्यान दिया और उनकी पढ़ाई पर शिक्षकों ने जोर दिया। इसी का नतीज है कि पांच विद्यार्थियों को छात्रवृति मिली है। इस बार का उद्देश्य है कि स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए शिक्षक घर-घर जाएंगे। मोबाइल से अभिभावकों को एसएमएस भी भेजेंगे। ताकि स्कूल अपग्रेड हो और छात्राओं को पढ़ाई के लिए तीन किलोमीटर दूर नौल्था में न जाना पड़े।


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