गीता को बनाएं जीवन का हिस्सा : स्वामी ज्ञानानंद
संस्कार शिविर में जो कुछ सीखा है इसका प्रतिदिन घर पर अभ्यास करें। जीवन का हिस्सा बनाएं। कृष्ण कृपा धाम में आयोजित बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह में यह बातें गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कही।
जागरण संवाददाता, पानीपत : संस्कार शिविर में जो कुछ सीखा है इसका प्रतिदिन घर पर अभ्यास करें। जीवन का हिस्सा बनाएं। कृष्ण कृपा धाम में आयोजित बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह में यह बातें गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कही।
उन्होंने कहा कि जीवन में संस्कार सबसे जरूरी है। बच्चे माता-पिता का सम्मान करें। शरीर स्वस्थ रखने, सात्विक आहार लेने तथा घर व आसपास सफाई रखने, मन लगाकर पढ़ाई करने व गीता पाठ करने का संकल्प दिलाया।
उन्होंने बच्चों के लिए हर रविवार को ऐसा कार्यक्रम रखने की बात कही। बच्चों ने खुश होकर सहमति दे दी। जिओ गीता संस्कार मंडल की तरफ से हरियाणा में पहली बार बाल संस्कार शिविर का आयोजन किया गया। शहर की विधायक रोहिता रेवड़ी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।
नौ श्लोक किया कंठस्थ
लगभग 300 बच्चे पांच दिनों तक शिविर में रहे। लगन व उत्साह से गीता के 9 श्लोकों को कंठस्थ किया। 3 श्लोक प्रात:काल उठने पर, 3 श्लोक भोजन से पहले व 3 श्लोक रात्रि विश्राम से पहले का है। बच्चों ने संस्कृत व हिन्दी काव्य रूपांतरण में श्रवण कर कंठस्थ किया। गीता के 18 अध्याय के 18 श्लोक प्रति अध्याय एक श्लोक भी सीखा। प्रश्नोत्तरी में उत्साह से प्रश्नों के उत्तर दिए।
बेटी की शादी में मदद की गुहार
स्वामी ज्ञानानंद जब शिविर से रवाना होने लगे तो एक महिला उनके पास आई। उसने बेटी की शादी होने की बात कह कर मदद की गुहार लगाई। स्वामीजी ने विधायक रोहिता रेवड़ी की तरफ इशारा कर दिया। महिला विधायक के पास पहुंची। ठोस आश्वासन न मिलने पर दोबारा स्वामी के पास आई। आप ही कुछ करो। इस पर ज्ञानानंद महाराज ने रोहिता रेवड़ी को बुलाकर महिला की सहायता करने की बात कही।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर सुरेश अरोड़ा, विभू पालीवाल, सुरेश शर्मा, अनिल शर्मा, ओम सचदेवा, नरेन्द्र गोगिया, प्रीतम गुज्जर, राजू शर्मा, संतोष, संगीता, नीलम, चंचल, वंदना, मोनिका, हर्षा, रिन्की, भारती, उमा, ज्योति, अर्चना, दर्शना व सुषमा मौजूद थे।
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