Lockdown के बाद सर्वे तीन-तीन बार, खाने को अभी तक न दिया राशन का एक दाना
जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में जरूरतमंदों की पहचान के लिए सर्वे कराया था। तीन बार सर्वे कराने के बाद भी लोगों तक नहीं पहुंच सका राशन। इससे लोगों में रोष है।
पानीपत, जेएनएन। लॉकडाउन में जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने के जिला प्रशासन के दावे गांवों में पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। बीएलओ के माध्यम से तीन-तीन बार गांवों सर्वे कराया जा चुका हैं लेकिन अभी तक एक भी परिवार को राशन उपलब्ध नहीं कराया गया है। बिना राशन कार्ड वाले जरूरतमंद परिवारों को खाने के लाले पड़े हुए हैं। सर्वे के बाद भी राशन न मिलने से लोगों में रोष है।
लॉकडाउन के कारण सरकार की ओर से बीपीएल, एएवाइ और ओपीएच कार्ड धारकों को अप्रैल माह में निशुल्क दोगुना राशन दिया जा रहा है। इसके अलावा गांवों में अधिकतर जरूरतमंद परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है। वहीं, एपीएल कार्डधारक भी इस संकट की घड़ी में खाद्य सामग्री के लिए जूझ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने गांवों में बिना राशन कार्ड वाले जरूरतमंद परिवारों को राशन उपलब्ध कराने के लिए सर्वे तो करा लिये, लेकिन राशन उपलब्ध नहीं हो पाया है।
शहर से सटे गांव जलालपुर के ग्रामीणों ने बताया कि बीएलओ के माध्यम से पहले जरूरतमंद एपीएल कार्ड धारकों का सर्वे कराया। फिर पूरे गांव का सर्वे कराया और तीसरी बार केवल जरूरतमंदों का सर्वे कराया। तीन सर्वे में कई दिन बीत गए। बीएलओ ने गांव के जरूरतमंद लोगों को चिन्हित कर सूची प्रशासन को भेज दी।
सर्वे समाप्त हुए एक सप्ताह बीत चुका हैं, लेकिन गांव में किसी के घर राशन नहीं पहुंचा है। ऐसे में गांवों के अनेक परिवारों को भेख से भी दो-चार होना पड़ रहा है। राशन जैसे बेहद जरूरी कार्य में भी सरकारी रवैया अपनाया जा रहा है। जरूरतमंद ग्रामीण अन्य ग्रामीणों की मदद से अपना पेट भर रहे हैं। सर्वे होने के बाद जरूरतमंदों की उम्मीद जगी थी, लेकिन पूरी नहीं हो पाई।