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किसानों की हड़ताल को आढ़तियों, समितियों और वकीलों का समर्थन

लघु सचिवालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों को आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान धर्मबीर मलिक भाकियू पूर्व प्रधान निशान मलिक जबरदस्त आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष दलबीर जागलान और बार एसोसिएशन प्रधान शेरसिंह खर्ब ने समर्थन दे दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 07:36 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 06:27 AM (IST)
किसानों की हड़ताल को आढ़तियों, समितियों और वकीलों का समर्थन
किसानों की हड़ताल को आढ़तियों, समितियों और वकीलों का समर्थन

जागरण संवाददाता, पानीपत : सांझा मोर्चा के आह्वान पर तीसरे दिन भी विभिन्न किसान संगठनों के पदाधिकारियों का धरना प्रदर्शन जारी रहा। लघु सचिवालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों को आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान धर्मबीर मलिक, भाकियू पूर्व प्रधान निशान मलिक, जबरदस्त आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष दलबीर जागलान और बार एसोसिएशन प्रधान शेरसिंह खर्ब ने समर्थन दे दिया। शाम को एसडीएम वीना हुड्डा ने धरनास्थल पर पहुंचकर किसानों का ज्ञापन प्राप्त किया। उन्होंने मांगे सरकार तक पहुंचाकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। धरने की अध्यक्षता भाकियू के राष्ट्रीय सलाहकार अजीत सिंह हाबड़ी ने की।

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सांझा मोर्चा के चेयरमैन बिटू मलिक ने बताया कि शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग के मामलों में वकीलों ने मुफ्त में कोर्ट केस लड़ने का दावा किया है। वहीं भाकियू जिला प्रधान ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने शुक्रवार को भी मांगे नहीं मानीं तो शनिवार को टोल प्लाजा पर धरना दिया जाएगा। इस मौके पर गुनी प्रकाश, गुरमुख सिंह, सेवा सिंह आर्य, सुरेश दहिया, बलबीर जागलान, टेकराम दहिया, एडवोकेट जोगेंद्र मलिक, मास्टर ईश्वर सिंह, देवी सिंह मौजूद रहे। यें हैं किसानों की मुख्य मांगें

-उत्तराखंड की इकबालपुर शुगर मिल में अटकी 36 करोड़ की पेमेंट दिलाई जाए।

-नए बिजली ट्यूबवेल कनेक्शन की नई शर्तों को हटाया जाए।

-आगजनी और नहर टूटने के कारण पिछले दो वर्षों में जिन किसानों की फसल खराब हुई है, उन्हें मुआवजा मिले। आंदोलनकारी किसान नेताओं के विरुद्ध दर्ज मुकदमे रद हों।

-पानीपत शहर को टोलमुक्त किया जाए।

-मंडियों में बारदाना उपलब्ध कराया जाए।

-शॉर्ट सर्किट या चिगारी के कारण आग लगने की स्थिति में पीएम फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा दिया जाए।

-स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू कर किसानों को कर्जमुक्त किया जाए।

- पुलवामा शहीदों के परिवारों को एक करोड़ रुपये का आर्थिक मुआवजा और एक सरकारी नौकरी मिले।


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