उपमंडल अस्पताल को मिली ऑक्सीजन, भरा गया टैंक
उपमंडल अस्पताल स्थित ऑक्सीजन टैंक को जिला प्रशासन ने पहली बार इतनी मात्रा में आक्सीजन मिला है।
जागरण संवाददाता, समालखा : उपमंडल अस्पताल स्थित ऑक्सीजन टैंक को जिला प्रशासन ने पहली बार पांच हजार लीटर लिक्विड गैस से रीफिल करवाया है। इससे फिलहाल गैस की समस्या दूर हो गई है। दूसरी ओर गैस टैंक के पास हवा से ऑक्सीजन बनाने की मशीन लगाने का काम चल रहा है। ऑक्सीजन फ्लोमीटर और ऑपरेटर की दिक्कत यहां नहीं है। केवल फिजीशियन की जरूरत है, जिसकी मांग उच्चाधिकारी से की गई है। अब यहां कोरोना वार्ड बनाने में दिक्कत नहीं होगी। अस्पताल में भर्ती इमरजेंसी और प्रसूति रोगियों को रेफर होना नहीं पडे़गा। जिला परिषद के परियोजना अधिकारी राजेश संधू और एसएमओ डॉ. संजय कुमार की उपस्थिति में टैंक को रीफिल किया गया है। दैनिक जागरण ने यह मुद्दा उठाया था।
33 करोड़ का उपमंडल अस्पताल ऑक्सीजन गैस की सुविधा नहीं होने से सूना पड़ा था। 8.13 करोड़ रुपये ऑक्सीजन प्लांट और व्यवस्था पर खर्च होने के बावजूद करीब दो साल से मरीजों को सुविधा नहीं मिल रही थी। ऑक्सीजन के अभाव में यह रेफर अस्पताल बना हुआ था। कोविड-19 जैसी महामारी में भी लोगों के काम नहीं आ रहा था।
एसएमओ संजय कुमार, सीएमओ और जिला प्रशासन के सहयोग एसडीएच की ऑक्सीजन जरूरत पूरी हो सकी है। एसएमओ ने बताया कि ऑक्सीजन टैंक को 5000 लीटर से रीफिल की गई है। कोविड वार्ड चालू करने के लिए उच्चाधिकारी से फिजिशियन व स्टाफ की मांग की गई है। अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 30 बेड आरक्षित हैं। सभी पर ऑक्सीजन की सुविधा दी जाएगी। ऑक्सीजन ऑपरेटर की ज्वाइनिग एक-दो दिन में हो जाएगी। सुविधा होते ही कोविड वार्ड चालू कर दिया जाएगा। अभी 14 की जगह अस्पताल में केवल 3 मेडिकल ऑफिसर हैं, जिनमें कोई एमडी नहीं हैं।