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निजी स्कूलों की मनमानी, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची स्टूडेंट्स पेरेंट्स एसोसिएशन, 27 को सुनवाई

हरियाणा में निजी स्कूलों की ओर से मनमर्जी से फीस मांगने के मामले में स्टूडेंट्स-पेरेट्स एसोसिएशन पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची है। इस फीस को वह सिक्योरिटी फीस का नाम दे रहे हैं। मामले की सुनवाई 27 जनवरी को होनी है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 01:16 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 01:16 PM (IST)
निजी स्कूलों की मनमानी, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची स्टूडेंट्स पेरेंट्स एसोसिएशन, 27 को सुनवाई
मनमर्जी से फीस मांगने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची स्टूडेंट्स पेरेंट्स एसोसिएशन।

कैथल, जागरण संवाददाता। हरियाणा में निजी स्कूलों की मनमानी का मामला अब कोर्ट पहुंच चुका है। निजी स्कूलों की ओर से मनमर्जी से फीस मांगने के मामले में स्टूडेंट्स-पेरेंट्स एसोसिएशन पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची है। एसोसिएशन ने 15 जनवरी को निजी स्कूल संचालकों के खिलाफ याचिका डाली थी। जिसके बाद 17 जनवरी को न्यायलय ने इस मामले को स्वीकार किया और अब 27 जनवरी को डबल बेंच के न्यायधीशों द्वारा सुनवाई की जाएगी। बता दें कि शिक्षा विभाग की तरफ से 134-ए नियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को दाखिला देने की प्रक्रिया में भी कुछ निजी स्कूलों द्वारा फीस की मांग की गई थी। इसमें भी एसोसिएशन ने तर्क दिया था कि निजी स्कूल बिना नियम के ही अभिभावकों से वार्षिक फीस की मांग कर रहे हैं। इस फीस को वह सिक्योरिटी फीस का नाम दे रहे हैं। 

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निजी स्कूल कर रहे मनमानी

एसोसिएशन के जिला प्रधान मोनू बत्तरा ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच  निजी स्कूल संचालक अभिभावकों को बेवजह ही परेशान कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के नियमों के तहत स्कूल संचालक फार्म छह के तहत भरी गई फीस को ही वसूल सकते हैं। परंतु ऐसा नहीं हो रहा है। निजी स्कूल संचालक अभिभावकों को केवल परेशान करने में जुटे हैं। इसके साथ ही नियम 134-ए के तहत दाखिला प्रक्रिया में सिक्योरिटी फीस मांग रहे हैं।

पहले स्कूल से नहीं मिल रहा स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट

नियम के तहत यदि किसी विद्यार्थी का चयन दूसरे स्कूल में हुआ तो पहला स्कूल विद्यार्थी को स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है। इस बार नियम 134-ए के तहत निजी स्कूल अपनी मनमानी कर रहे है। जबकि नियमानुसार निजी स्कूल इस नियम में केवल परिवहन सुविधा के तहत ही फीस ले सकता है। निजी स्कूल संचालकों की इस प्रकार की मनमानी के कारण ही अभिभावक परेशान है। इस कारण ही अभिभावकों का संगठन न्यायलय में पहुंचा हैं।


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