विद्यार्थियों ने प्रोफेसर को उलझाया, बाल विवाह-दहेज प्रथा पर पूछे सवाल
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, रजापुर में बुधवार को क्वेश्चन बॉक्स एक्टिविटी हुई। जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान (डीआइईटी) के प्रो. को विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर देना था। विद्यार्थियों ने बाल विवाह, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या, स्कूलों की जर्जर हालत जैसे कई ज्वलंत मुद्दों पर सवाल किए तो प्रोफेसर भी बच्चों की नॉलिज देख हतप्रभ रह गए।
संवाद सूत्र, रिफाइनरी : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, रजापुर में बुधवार को क्वेश्चन बॉक्स एक्टिविटी हुई। जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान (डीआइईटी) के प्रो. को विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर देना था। विद्यार्थियों ने बाल विवाह, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या, स्कूलों की जर्जर हालत जैसे कई ज्वलंत मुद्दों पर सवाल किए तो प्रोफेसर भी बच्चों की नॉलिज देख हतप्रभ रह गए।
क्वेचन बॉक्स एक्टिविटी में विद्यार्थियों को अपनी पहचान छिपाते हुए एक पर्ची पर सवाल लिखकर उसे बॉक्स में डालना था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद जैसे ही बॉक्स खोला गया तो पहला सवाल बाल विवाह को लेकर था। किसी छात्र ने पूछा कि भारत में बाल विवाह क्यों होते हैं। डीआइईटी के प्रोफेसर जगबीर आर्य, अस्सिटेंट प्रोफेसर जगदीप जागलान, डॉ. तकदीर और शिक्षिका ममता ने अपने-अपने ढंग से प्रश्नों का उत्तर दिया।
विद्यार्थियों को बताया कि हमारा समाज मानसिक तौर पर जागरूक नहीं है। लड़कियों को लेकर असुरक्षा की भावना भी बड़ा कारण है। ऐसा ही जवाब दहेज प्रथा के प्रश्न पर दिया गया। एक छात्र ने पूछा कि सरकारी स्कूलों में बैठने के लिए बैंच सहित अन्य सुविधाओं का अभाव क्यों है? इस पर प्रोफेसर संतोषजनक जवाब नही दे सके। ग्राम पंचायत और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही बताया। कन्या भ्रूण हत्या, शारीरिक बदलाव, बच्चों पर होने वाले अपराध आदि विषय पर भी सवालों की पर्ची भी बॉक्स से निकली। स्कूल इंचार्ज श्रद्धा शर्मा ने कहा कि बच्चों के मन में बहुत से सवाल कौंधते रहते हैं। बच्चे सवालों को पूछने पर झिझक महसूस करते हैं। यह ऐसा मंच हैं जहां सरलता से उन्हें उत्तर मिल जाता है और पहचान छिपी रहती है। इस मौके पर हेड मास्टर शशीबाला, प्राइमरी ¨वग की हेड ज्योति चोपड़ा, अनिल कुमार, नीलम, अनिता वर्मा और सुरेश कुमार मौजूद रहे।