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Pollution की मार, उद्योगों की चिमनियां उगल रहीं काला धुआं Panipat News

पानीपत में प्रदूषण का स्तर सुधरता नजर नहीं आ रहा। उद्योगों की चिमनियों से लगातार जहरीला धुआं निकल रहा है। ऐसे में अब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड जांच करेगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 02:30 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 02:31 PM (IST)
Pollution की मार, उद्योगों की चिमनियां उगल रहीं काला धुआं Panipat News
Pollution की मार, उद्योगों की चिमनियां उगल रहीं काला धुआं Panipat News

पानीपत, जेएनएन। एनजीटी, ईपीसीए और अब सुप्रीम कोर्ट की सख्ती भी उद्यमियों और अफसरों पर बेअसर है। सेक्टर 29 पार्ट-2 सहित बबैल रोड, कुटानी रोड, बरसत रोड, ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में फिर से उद्योगों की चिमनियों से काला धुआं निकलना शुरू हो गया है। अवैध ईंधन जलने पर ही उद्योग की चिमनियों से काला धुआं निकलता है। 

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उद्यमियों का कहना है कि उद्योगों में कूड़ा नहीं जलाया जा रहा। अधिक कोयला जलाने के कारण चिमनियों से काला धुआं निकल रहा है। इंजीनियरों को बुलाकर बायलर चेक कराए जाएंगे। 

उद्योग बंद रहने पर भी बढ़ा प्रदूषण

पानीपत का एयर क्वालिटी इंडेक्स अक्टूबर के दौरान 400 से ऊपर खतरनाक स्तर पर रहा। 15 नवंबर के बाद प्रदूषण स्तर में राहत मिलना शुरू हुई। उद्यमियों का कहना है कि उद्योगों के बंद रहने के दौरान भी प्रदूषण स्तर बढ़ता गया। 

एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार नहीं

मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 156 रहा। मानक के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से अधिक नहीं होना चाहिए। यही हालात रहे तो प्रदूषण स्तर फिर से बढऩा तय है। नगर निगम ने अक्टूबर माह में तो पौधों सहित कच्ची सड़कों पर पानी का छिड़काव किया था। अब फिर से मित्तल मेगा माल के साथ सड़क हो या ट्रांसपोर्ट नगर दिन भर धूल उड़ती रहती है। खुले में कचरा जलाने से सफाई कर्मचारी बाज नहीं आ रहे हैं। 

कॉमन बायलर का सर्वे चल रहा 

पानीपत में प्रदूषण से राहत पाने के लिए अब कॉमन बॉयलर लगाने की योजना है। इसके लिए गुजरात की कंपनी सर्वे कर रही है। सर्वे पूरा होने के बाद एसटीपी के पास कॉमन बॉयलर लगाया जाएगा। 

-कुल उद्योग  : 12000 

-रंगाई उद्योग  : 850 

-बवायलर उद्योग : 600

-पानी की खपत : 35 एमएलडी प्रतिदिन    

सेक्टर 29 में एक दो उद्योगों से काला धुआं निकल रहा है। कूड़ा कचरा नहीं जलाया जा रहा है। इन उद्योगों में कोयला अधिक जलाया जा रहा है। जिससे उद्योगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन उद्यमियों से बात की गई है। इंजीनियर को बुलाकर कमी को दूर करवाया जाएगा।

 भीम राणा, प्रधान, पानीपत डायर्स एसोसिएशन।

अवैध ईंधन जलाने वाले उद्योगों को बख्शा नहीं जाएगा, बोर्ड की टीमें एक-एक उद्योग की जांच करेगी। उद्यमियों को कहा गया है कि वे अवैध ईंधन न जलाएं। यदि कोई जलाता है तो सूचना दें। ऐसे उद्योगों बंद किया जाएगा। काले धुएं में पर्टिकुलर मैटर अधिक होते हैं। इसे प्रदूषण में गिना जाता है।   

संदीप, आरओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पानीपत।


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