बराना गांव में रुकवाई नाबालिग किशोरी की शादी
रजनी गुप्ता ने बताया कि संजय अपनी दोनों बेटियों की शादी सोनीपत के गांव बिचपड़ी निवासी सगे भाइयों से कर रहा था। दस्तावेज मांगने पर संजय ने छोटी बेटी का जन्म प्रमाणपत्र दिखाया उसके आधार पर वह 11 जुलाई को 18 साल की हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : बराना में दो बहनों की बारात आ चुकी थी। इनमें से एक नाबालिग थी। जानकारी मिलते ही जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता मय पुलिस गांव में पहुंची। नगर निगम द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र के मुताबिक छोटी बहन 11 जुलाई यानि कल बालिग होगी। स्कूल के प्रमाणपत्र परिजनों ने नहीं दिखाए। पुलिस ने स्थिति स्पष्ट न होने तक उसकी शादी रुकवा दी।
रजनी गुप्ता ने बताया कि संजय अपनी दोनों बेटियों की शादी सोनीपत के गांव बिचपड़ी निवासी सगे भाइयों से कर रहा था। दस्तावेज मांगने पर संजय ने छोटी बेटी का जन्म प्रमाणपत्र दिखाया, उसके आधार पर वह 11 जुलाई को 18 साल की हो जाएगी। स्कूल का सर्टिफिकेट मांगा तो दिखा नहीं सके, जबकि वह कक्षा 10 तक पढ़ी है। लड़की को साथ लेकर चले तो ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने घेराबंदी कर दी। सभी को बाल विवाह निषेध अधिनियम की जानकारी देते हुए कहा गया कि कार्य में बाधा न डालें। इससे ग्रामीण हाथापाई पर उतर आए। इसी दौरान ग्राम सरपंच के ससुर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया, तब लड़की को महिला थाना लाया गया।
रजनी गुप्ता के मुताबिक परिजनों को स्कूल प्रमाणपत्र के साथ बुधवार को कार्यालय बुलाया गया है। इसके बाद मामले को कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगली कार्रवाई होगी। फिलहाल उसे बाल देखरेख केंद्र में भेजा गया है।
क्या कहता है कानून :
रजनी गुप्ता ने बताया कि यदि कोई लड़की-लड़का स्कूल में पढ़ा है तो बाल विवाह निषेध अधिनियम में स्कूल प्रमाणपत्र में दर्शायी गई जन्मतिथि मान्य होगी। शिक्षित नहीं हैं तब नगर निगम, नगर पालिका या अस्पताल से जारी प्रमाणपत्र में लिखी जन्मतिथि को सही माना जाएगा। आधार कार्ड में लिखी तिथि मान्य नहीं है।