वार्ड-10 की तीन कॉलोनी काटकर मेयर को जोर का झटका
वार्डबंदी में फिर से बदलाव किया गया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : नई वार्डबंदी के पेंच में फंसी भाजपा ने मेयर सुरेश वर्मा को उनके ही वार्ड में ही मात देने के लिए एक और पासा फेंका है। सरकार के निर्देश पर डीसी ने स्पेशल सुनवाई में वार्ड-10 में शामिल कुटानी रोड दलबीर नगर, जगदीश नगर और काबुल बाग मुहल्ले को काट दिया है। इस वार्ड को अब रानी महल और बलजीत नगर की कॉलोनियों से जोड़ा है। मेयर सुरेश वर्मा को वार्ड चुनाव में ही भाजपा हराने की सोच रही है।
डीसी सुमेधा कटारिया ने सोमवार दोपहर करीब 12 बजे नई वार्डबंदी के दावे और आपत्तियों की विशेष सुनवाई की। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज, पार्षद लोकेश नांगरू और पूर्व पार्षद रामकुमार सैनी ने डीसी से बात की। वहीं, सचिन कंसल ने वार्ड-आठ से संबंधित अपनी आपत्ति दर्ज कराई। डीसी और भाजपा जिलाध्यक्ष के बीच करीब डेढ़ घंटे तक मंथन चला। नई वार्डबंदी फिर से तय की।
आधे से अधिक वार्ड फिर प्रभावित : ड्राफ्ट कमेटी ने दावे और आपत्ति सुनने के बाद गत महीने नई वार्डबंदी को फाइनल किया था। मेयर सुरेश वर्मा ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी और बैठक का बायकाट कर दिया था। भाजपा नेताओं का कहना है कि मेयर सुरेश वर्मा के कहने पर कई अधिकारियों ने वार्ड-10 के कई ब्लॉक इधर से उधर कर दिए थे। नई वार्डबंदी में फिर से बदलाव करने पर वार्ड-8, 9, 10, 20 और 23 में कुछ प्रभावित होंगे। मंत्री की टेबल से वापस आया वार्डबंदी का प्रारूप
निदेशक की मंजूरी के बाद शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन की टेबल तक पहुंच गई थी। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज ने सीएम मनोहर लाल से वार्डबंदी पर फिर से चर्चा की थी। विदित है कि 16 मार्च को नई वार्डबंदी में 26 वार्डों का प्रारूप बनाकर निदेशालय भेजा था। भाजपा ने ही इसका सबसे ज्यादा विरोध किया था। सीएम के दखल के बाद वार्डबंदी में दावे और आपत्तियों को सुनते वक्त कमियों को दूर करने के आदेश दिए थे। मेयर से क्यों घबरा रही है भाजपा
भाजपा ने वार्डबंदी में मेयर सुरेश वर्मा को निशाने पर लिया हुआ है। दरअसल, सुरेश वर्मा, भाजपा के दुष्यंत भट्ट को हराकर मेयर बने थे। निगम में इस बार मेयर बीसी महिला के लिए आरक्षित है। मेयर सुरेश वर्मा अपनी पत्नी को निगम चुनाव में उतारना चाह रहे हैं। भाजपा इस बार मेयर की कुर्सी चाहती है। इसको लेकर दुष्यंत भट्ट और रामकुमार सैनी को तैयार किया गया है। दुष्यंत भट्ट ने अपनी पत्नी के साथ वार्ड में प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है। भाजपा को अब भी डर सता रहा है कि सुरेश वर्मा के आगे आने पर उन्हें कुर्सी पाना कुछ मुश्किल हो सकता है। जिलाध्यक्ष, पार्षद और पूर्व पार्षद की यह थी आपत्ति
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज, पार्षद लोकेश नांगरू और पूर्व पार्षद रामकुमार सैनी ने 12 जून को शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को एक आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि नई वार्डबंदी करते वक्त वार्ड-8, 9, 10 और 20 में कुछ गलती रह गई है। वार्ड-10 में रानी महल, सैनी मुहल्ला, वाल्मीकि मुहल्ला और गुरुद्वारा वाली गली का एरिया काट दिया गया है। इनकी जगह जगदीश नगर, दलबीर नगर, मनमोहन नगर और काबूली बाग को जोड़ा गया है। यह सब गलत तरीके से किया गया है। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज ने भी इस बारे में मुख्यमंत्री से बातचीत की थी। सरकार ने निदेशक और डीसी को आदेश कर वार्डबंदी में कमियों को दूर करने के आदेश दिए थे। विराट नगर को काटकर नए वार्ड-20 में शामिल कर दिया है। इसको पुराने वार्ड में ही रखा जाए। कोट्स फोटो-39
छेड़छाड़ की गई थी : विज
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज ने कहा कि नई वार्डबंदी में ड्राफ्ट कमेटी द्वारा फाइनल करने के बाद कुछ छेड़छाड़ की गई थी। वार्ड-10 के कई ब्लॉक काटकर कुटानी रोड की कॉलोनियों को जोड़ दिया था। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। डीसी के सामने अपनी बात रखी है। प्रशासन इस पर अपना फैसला लेगा। कोट्स फोटो-40
सरकार के दबाव में प्रशासन
मेयर सुरेश वर्मा ने कहा कि नई वार्डबंदी में प्रशासन अब सरकार के दबाव में काम कर रहा है। भाजपा दबाव बनाकर वार्डबंदी को मनमर्जी से बना सकती है लेकिन चुनाव में जनता पर दबाव डालकर वोट नहीं ले सकती। जनता पूरे खेल को देख रही है। भाजपा का वार्डबंदी को ठीक करने की तरफ कम, जबकि उनके वार्ड को प्रभावित करने की तरफ ध्यान ज्यादा है। वह किसी भी वार्ड से चुनाव लड़ सकते हैं।