एक बाजू के बूते शिखर पर पहुंची, गरीबी के पंच से हार गई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
कुरुक्षेत्र की पैरा ताइक्वांडो खिलाड़ी सोनाली रुपये न होने के कारण वर्ष 2017 में लंदन में विश्व चैंपियनशिप में नहीं जा पाई। सोनाली ने वर्ष 2017 में विश्व में दूसरी रैंकिंग हासिल की थी।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। उसका हौसला आसमान छू लेने वाला था। दिव्यांग होने के बावजूद उसने जिंदगी से हार नहीं मानी। जज्बे के पंच से शारीरिक कमजोरी से पार पा लिया, लेकिन गरीबी के पंच से हार गई। नतीजा यह रहा कि विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धाओं में खेलने नहीं जा सकी। प्रशासन, सरकार या किसी सामाजिक संस्था ने भी मदद नहीं की। प्रतिभा दम तोडऩे को विवश है।
लाडवा की सोनाली शर्मा ने एक बाजू के बूते विश्व में नाम कमाया। और वर्ष 2017 में विश्व में दूसरी रैंकिंग हासिल की। गरीबी के कारण तीन वर्षों से वल्र्ड पैरा ताइक्वांडो चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले सकी थीं। ऐसे में वह पांचवीं रैंकिंग पर पहुंच गई। अब दूसरी बार भी रुपये की कमी से 31 जनवरी से 06 फरवरी तक तुर्की में होने वाले वल्र्ड पैरा ताइक्वांडो चैंपियन में हिस्सा नहीं ले सकी हैं। अब विश्व रैंकिंग में और नीचे जाने की डर है। सोनाली का कहना है उसने एक हाथ से ही विश्व की बड़ी से बड़ी खिलाड़ी को धूल चटाई थी।
अब पैरालंपिक के लिए भी देना होगा ट्रायल
सोनाली शर्मा ने दैनिक जागरण को बताया कि 31 जनवरी से 06 फरवरी तक तुर्की में विश्व पैरा ताइक्वांडो चैंपियनशिप में विजेता को वाइल्ड कार्ड के जरिये सीधे पैरालंपिक में एंट्री मिल जाती है, लेकिन वह इस चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले सकी हैं। ऐसे में पैरालंपिक में जाने के लिए ट्रायल देना पड़ेगा। सोनाली के पिता सुशील कुमार शर्मा और माता वैष्णो देवी ने कहा की उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है।
यह प्रतियोगिता जीत कर हासिल की थी दूसरी रैंक
- जुलाई 2016 में पोलैंड में पांचवीं यूरोपियन पैरा ताइक्वांडो चैंपियनशिप में एक सोना, एक सिल्वर पदक
- अप्रैल 2016 में फिलीपींस में द्वितीय एशियन पैरा ताइक्वांडो में एक सोना, एक कांस्य
- जनवरी 2017 में 25 यूएस ओपन पैरा ताइक्वांडो चैंपियनशिप में दो सोना
- 2017 में साउथ कोरिया में एशियन पैरा ताइक्वांडो चैंपियनशिप में सोना
नहीं मिल रहा सरकार से सहयोग
सोनाली शर्मा के कोच कमल वर्मा ने बताया कि वह एक अच्छी खिलाड़ी हैं। वह उनकी फेडरेशन की तरफ से खेलती हैं। प्रदेश सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को जो मानदेय दिया जाता है वह सोनाली को नहीं मिल रहा है।
उच्चाधिकारियों को सोनाली का पत्र भेज दिया था
सोनाली शर्मा ने पिछले साल मुझे पत्र भेजा था। यह पत्र उच्चाधिकारियों को पत्र भेज दिया था। सरकार की नीति के अनुसार निजी बिना मान्यता की फेडरेशन की ओर से खेलने वाली खिलाडिय़ों को कोई मानदेय जारी नहीं किया जाता है। जैसे ही उच्चाधिकारियों की ओर से कोई नई नीति तैयार की जाएगी तो वह उसे तुरंत लागू कर देंगे।
-यशवीर राणा, जिला खेल अधिकारी, कुरुक्षेत्र।